शेल कंपनियों में निवेश मामले में हेमंत सरकार ने दायर किया शपथ पत्र, कहा- सभी आरोप गलत, आज होगी सुनवाई

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश, अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटन व मनरेगा घोटाले को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर 30 जून को सुनवाई होगी.

By Prabhat Khabar | June 30, 2022 6:26 AM

रांची : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले शपथ पत्र दाखिल किया है. जिसमें उन्होंने प्रार्थी शिवशंकर के आरोपों को गलत बताते हुए अपनी उपलब्धियां गिनायीं है. इधर आज भी शेल कंपनियों में निवेश व रांची के अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटन मामले में सुनवाई होगी. यह मामला चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.

इससे पहले दायर शपथ पत्र में कहा गया है कि प्रार्थी शिवशंकर शर्मा के सारे आरोप असत्य पाये गये हैं. मनगढंत आरोप लगाये गये हैं. शपथ पत्र में राज्य सरकार ने अपनी ढाई साल की उपलब्धियों का विस्तार से जिक्र किया है. इसमें सभी विभागों से विकास कार्यों की जानकारी लेकर दर्शाया गया है. सर्वजन पेंशन स्कीम, रोजगार सृजन, नियुक्तियां, विकास कार्यों सहित विभागवार उपलब्धिया दिखायी गयी हैं.

माइनिंग लीज आवंटन मामले में हेमंत सोरेन की अोर से भी शपथ पत्र दायर किया गया है. शपथ पत्र में क्या है, इसका खुलासा नहीं किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में पैसा निवेश करने का आरोप लगाया है.

साथ ही मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. वहीं प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने दूसरी जनहित याचिका दायर कर हेमंत सोरेन को अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन में माइनिंग लीज आवटन मामले में कार्रवाई करने की मांग की है. प्रार्थी ने लीज आवंटन को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन बताया है. साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला चलाने की मांग की है. मनरेगा घोटाले को लेकर अरुण कुमार दुबे की अोर से दायर जनहित याचिका पर भी सुनवाई होगी. प्रार्थी ने मनरेगा घोटाले में खूंटी की तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की भूमिका की इडी से जांच कराने की मांग की है.

Posted By: Sameer Oraon

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