रेमडेसिविर दवा नहीं मिलने पर झारखंड हाईकोर्ट की सरकार पर सख्त टिप्पणी, कहा- जीवनरक्षक दवा न होना अमानवीय, जल्द उपलब्ध करायें

इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. रेमडेसिविर सहित कोरोना की अन्य दवाएं, ऑक्सीजन सिलिंडर आदि की राज्य में कोई कमी नहीं हो, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. यह बात सोमवार को सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक रूप से कही. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सदर अस्पताल, रांची की पूर्ण क्षमता 500 बेड के इस्तेमाल को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई की.

By Prabhat Khabar | April 20, 2021 6:27 AM

Jharkhand News, Ranchi News, Remedisvir Medicine In Jharkhand रांची : कोरोना वायरस से संक्रमित हर मरीज का जीवन बचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करना चाहिए. मरीजों का जीवन बचाने के लिए सरकार हमेशा तैयार रहे. किसी भी स्तर पर कोताही या लापरवाही नहीं हो. कोरोना काल में जीवनरक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि का उपलब्ध नहीं होना या उसकी कालाबाजारी होना अमानवीय स्थिति है.

इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. रेमडेसिविर सहित कोरोना की अन्य दवाएं, ऑक्सीजन सिलिंडर आदि की राज्य में कोई कमी नहीं हो, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. यह बात सोमवार को सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक रूप से कही. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सदर अस्पताल, रांची की पूर्ण क्षमता 500 बेड के इस्तेमाल को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई की.

एक सप्ताह तक अधिवक्ता न्यायिक कार्यों में हिस्सा नहीं लेंगे :

इससे पूर्व सुनवाई के दौरान वर्चुअल रूप से उपस्थित मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि जीवनरक्षक दवा की कालाबाजारी करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. दवा की उपलब्धता के लिए सरकार कदम उठा रही है. वहीं एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष ऋतु कुमार व कोषाध्यक्ष धीरज कुमार ने झारखंड स्टेट बार काउंसिल की ओर से लिये गये निर्णयों से कोर्ट को अवगत कराया.

बताया गया कि एक सप्ताह तक अधिवक्ता न्यायिक कार्यों में हिस्सा नहीं लेंगे. इस दौरान कोई दंडात्मक आदेश पारित नहीं करने का आग्रह किया गया. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन उपस्थित थे. ज्ञात हो कि प्रार्थी ज्योति शर्मा ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने सदर अस्पताल के पूर्ण क्षमता 500 बेड के संचालन के लिए पूर्व में पारित आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है.

दवा की कालाबाजारी रोकने का निर्देश

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वर्चुअल रूप से उपस्थित मुख्य सचिव सुखदेव सिंह व राज्य सरकार को निर्देश दिया कि कोविड-19 मरीज को जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलिंडर और वेंटिलेटर के साथ-साथ उपयोग में आनेवाली दवा और आवश्यक वस्तुओं की अनुपलब्धता को समाप्त कर तुरंत मुहैया कराया जाये. महामारी के समय दवा की कालाबाजारी करनेवालों पर कड़ी नजर रखी जाये और कार्रवाई की जाये.

खंडपीठ ने एडवोकेट एसोसिएशन की मांग पर मुख्य सचिव को झारखंड हाइकोर्ट कैंपस में स्थित औषधालय को पांच ऑक्सीजन बेड युक्त करने का निर्देश दिया. यह भी कहा कि सरकार एनेक्सी भवन के हॉल में 25 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था कर सकती है.

सदर अस्पताल में 300 बेड शीघ्र तैयार हो

खंडपीठ ने राज्य सरकार को 500 बेडवाले सदर अस्पताल में शेष बचे 300 बेड शीघ्र तैयार करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि संवेदक ने सदर अस्पताल में जून 2021 तक शेष 300 बेड तैयार कर लेने की बात कही है, मुख्य सचिव देखें कि 500 बेड क्षमता वाला सदर अस्पताल शीघ्र चालू हो सके. खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से यह बताने का निर्देश दिया कि कब तक सदर अस्पताल को 500 बेड वाले अस्पताल में बदल दिया जायेगा. मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी.

अब तक की टिप्पणियां

09.4.2021- रिम्स में कोरोना की सैंपल की जांच में देरी होने पर जतायी नाराजगी, कहा, कोरोना महामारी युद्ध जैसी स्थिति, मंत्री हो या संतरी अभी के समय में कोई नहीं कर सकता आराम. सिविल सर्जन कोरोना जांच सैंपल को सड़ा रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव इन्हें क्यों नहीं हटा रहे है.

12.4.2021- राज्य में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात, सरकार के इंतजाम काफी नहीं .

13.4.2021- अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज की स्थिति नहीं सुधरी तो लोग आक्रोशित हो जायेंगे .

17.4.2021- रेमडेसिविर इंजेक्शन की क्यों कमी है, तुरंत मुहैया करायें. लगता है ड्रग्स कंट्रोलर व ड्रग इंस्पेक्टर दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं.

Posted By : Sameer Oraon

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