रिम्स में भर्ती हृदय रोगी की छह माह से सर्जरी नहीं

रिम्स के सीटीवीएस विभाग में भर्ती हृदय रोगी अब्दुल्ला छह माह से सर्जरी के इंतजार में हैं. उन्हें किसी हायर सेंटर के लिए रेफर भी नहीं किया जा रहा है. यह स्थिति तब है, जब मरीज का हार्ट मात्र 25 से 30 फीसदी ही काम कर रहा है.

By Prabhat Khabar | August 25, 2022 1:47 PM

राजीव पांडेय, रांची

Ranchi News: रिम्स के सीटीवीएस विभाग में भर्ती हृदय रोगी अब्दुल्ला छह माह से सर्जरी के इंतजार में हैं. उन्हें किसी हायर सेंटर के लिए रेफर भी नहीं किया जा रहा है. यह स्थिति तब है, जब मरीज का हार्ट मात्र 25 से 30 फीसदी ही काम कर रहा है. अब अब्दुल्ला पूछ रहे हैं कि ऐसी हालत में अगर उनकी जान चली जाती है, तो इसका जिम्मेवार कौन होगा.

मरीज ने ऑपरेशन से किया मना

जब शिकायत के बाद रिम्स प्रशासन ने ऑपरेशन की जिम्मेदारी कार्डियक सर्जन डॉ राकेश चौधरी को दी, तो मरीज ने उनसे ऑपरेशन करने से मना कर दिया है. इसके बाद अब प्रबंधन ने दोबारा विभागाध्यक्ष डॉ विनीत महाजन को इलाज की जिम्मेदारी दी. लेकिन उनके पास 20 दिन तक भर्ती रहने के बाद भी मरीज का ऑपरेशन नहीं किया गया है. छह माह पहले अब्दुल्ला को कार्डियक सर्जन डॉ अंशुल कुमार की देखरेख में भर्ती किया गया था, लेकिन पांच महीने के बाद मरीज ने डॉक्टर पर ही पैसा लेने का आरोप लगा दिया. जिसके बाद मामला प्रबंधन के पास चला गया है. इस कारण अब्दुल्ला का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है.

क्रिटिकल मरीज के लिए रिम्स के पास इंतजाम नहीं

अब्दुल्ला मल्लिक जैसे गंभीर हृदय रोगी के ऑपरेशन का इंतजाम रिम्स के पास नहीं है. रिम्स के विभागाध्यक्ष डॉ विनीत महाजन ने बताया कि ऐसे गंभीर मरीज के ऑपरेशन में मायो कार्डियल वालवेलर स्कैन, आइएबीपी मशीन और श्वान गांज मॉनटरिंग मशीन होनी चाहिए, जो यहां उपलब्ध नहीं है. ऐसे मरीज का ऑपरेशन महानगर के बड़े अस्पताल में ही हो सकता है.

रेफर करना है या नहीं, जल्द लेंगे निर्णय

मरीज 20 दिन पहले मेरी देखरेख में आया है. विभाग के ही दो डॉक्टरों से होते हुए मेरे पास मरीज को भेजा गया है. ऐसे गंभीर मरीज के ऑपरेशन में कई जरूरी मशीन नहीं हैं. इसके बाद भी मरीज की वीडियोग्राफी कराकर उसकी अनुमति लेते हुए ऑपरेशन किया जा सकता है. एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जायेगा कि मरीज को रिम्स में रखना है या रेफर करना है.

डॉ विनीत महाजन, विभागाध्यक्ष सीटीवीएस

मरीज को डॉक्टर के चयन का अधिकार

मरीज को यह अधिकार है कि वह डॉक्टर का चयन कर सकता है, वहीं किसी डॉक्टर को इलाज करने से मना भी कर सकता है. सीटीवीएस विभाग में हृदय रोगी के अॉपरेशन पर फैसला विभागाध्यक्ष को लेना चाहिए.

डॉ कामेश्वर प्रसाद, निदेशक रिम्स

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