Coronavirus Outbreak: रांची की कोरोना पॉजिटिव महिला में नहीं थे संक्रमण के कोई लक्षण, रिम्स के चिकित्सक हैरान

रांची में कोरोनावायरस पॉजिटिव पायी गयी महिला में इस बीमारी के कोई भी लक्षण नहीं पाये गये. ऐसे में रिम्स सहित स्थानीय चिकित्सक हैरान हैं. रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मलेशिया की इस 22 वर्षीय युवती के सैंपल की जांच की गयी

By AmleshNandan Sinha | March 31, 2020 8:52 PM

रांची : रांची में कोरोनावायरस पॉजिटिव पायी गयी महिला में इस बीमारी के कोई भी लक्षण नहीं पाये गये. ऐसे में रिम्स सहित स्थानीय चिकित्सक हैरान हैं. रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मलेशिया की इस 22 वर्षीय युवती के सैंपल की जांच की गयी. सोमवार की रात 1:30 बजे ही जांच कर रहे विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार को इस युवती के कोरोना पॉजिटिव होने के संकेत मिल गये थे.

डॉ मनोज कुमार ने बताया कि रात में जांच के दौरान कोरोना के स्क्रीनिंग जीन का पता चला. मंगलवार को सुबह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे से मिले कंफर्म किट से दोबारा युवती के सैंपल की जांच की गयी, जिसमें पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई. इसके बाद एनआइवी पुणे से क्रॉस कराया गया. वहां से पुष्टि होने पर रिम्स प्रबंधन व स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी गयी.

डॉ मनोज कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा सतर्कता बरतने की बात यह है कि युवती में कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिला है. अक्सर देखा जाता है कि जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है उसको तत्काल लक्षण नहीं मिलता है. ऐसे में यह ध्यान देना होगा कि युवती जिस-जिस व्यक्ति के संपर्क में आयी होगी उसको क्वारेंटाइन में रहना होगा. सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है कि विदेश या बाहर से आने वाले व्यक्ति को लक्षण नहीं मिलने पर भी क्वारेंटाइन में रहना चाहिए.

आपको बता दें कि झारखंड में इस पहले मामले के सामने आने के बाद लोग दहशत में हैं. रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे और एसएसपी अनीश कुमार गुप्ता ने लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और महिला के संपर्क में आये लोगों को चिह्नित किया जा रहा है. जो भी महिला के संपर्क में आये हैं उन्हें क्वारेंटाइन में रखा जायेगा.

हिंदपीढ़ी से पकड़े गये सभी लोगों की फिर से होगी जांच

हिंदपीढ़ी से खेलगांव आइसोलेशन में रखे गये 22 लोगों में एक युवती के पॉजिटिव आने पर उसके साथ लाये गये अन्य 21 लोगों की दोबारा जांच की जायेगी. माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने बताया कि नियमानुसार उसके साथ आये शेष लोगों की जांच होनी चाहिए. रिम्स से माइक्रोबायोलॉजी की टीम, टास्क फोर्स की टीम व जिला प्रशासन हमेशा उनपर नजर रख रही है. आइसोलेशन वार्ड में जो 21 लोगों को लक्षण बढ़ने पर समय पर जानकारी देनी चाहिए, जिससे समय रहते उनकी जांच हो सके.

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