रां‍ची में बेड के मुकाबले चार गुना अधिक मरीज, ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर बेड तक फुल, जानें अस्पतालों की स्थिति

यानी 2100 बेड ही है. जबकि मरीज लगभग चार गुना अधिक है. दूसरी ओर 18 मार्च से शुरू हुए दूसरे कोरोना वेव के बाद से रांची में ही 73 संक्रमितों की मौत हो चुकी है. झारखंड में जैसे-जैसे संक्रमित बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे अस्पतालों में बेड भरते जा रहे हैं. स्थिति यह है कि रांची के निजी या सरकारी अस्पतालों में बेड ही खाली नहीं है. खासकर अॉक्सीजन सपोर्टेड बेड व वेंटिलेटर तो बिल्कुल खाली नहीं है. इस कारण आये दिन मरीजों की जान जा रही है.

By Prabhat Khabar | April 16, 2021 8:27 AM

Coronavirus Update In Jharkhand, Covid Hospital bed availability in Ranchi रांची : रांची में औसतन प्रतिदिन 1000 से 1200 के करीब नये संक्रमित मिल रहे हैं. रांची में 15 अप्रैल को सुबह नौ बजे तक रांची में 7641 एक्टिव कोरोना संक्रमित के मरीज हैं. इसमें 1598 मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं. बाकी लोग या तो होम आइसोलेशन में हैं या बेड की बाट जोह रहे हैं. रांची में कुल 35 अस्पताल हैं, जिसमें कुल 2810 बेड है. इसमें 710 बेड खेलगांव में बनाये गये अाइसोलेशन सेंटर का ही है.

यानी 2100 बेड ही है. जबकि मरीज लगभग चार गुना अधिक है. दूसरी ओर 18 मार्च से शुरू हुए दूसरे कोरोना वेव के बाद से रांची में ही 73 संक्रमितों की मौत हो चुकी है. झारखंड में जैसे-जैसे संक्रमित बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे अस्पतालों में बेड भरते जा रहे हैं. स्थिति यह है कि रांची के निजी या सरकारी अस्पतालों में बेड ही खाली नहीं है. खासकर अॉक्सीजन सपोर्टेड बेड व वेंटिलेटर तो बिल्कुल खाली नहीं है. इस कारण आये दिन मरीजों की जान जा रही है.

बेड नहीं मिलने के कारण कई की मौत अस्पताल के सामने तो कई की मौत एंबुलेंस में हो गयी. गुरुवार को साहित्यकार डॉ गिरिधारी राम गौंझू की मौत भी इलाज के अभाव में हो गयी. यह स्थिति रांची में अस्पतालों की हालत बयां करती है. मरीज भटक रहे हैं. पर बेड खाली ही नहीं है.

जिला प्रशासन ने बेड के लिए बनाया पोर्टल, पर बेड खाली ही नहीं :

रांची जिला प्रशासन द्वारा मरीजों को बेड उपलब्ध कराने के लिए प्रतिरक्षकडॉटकोडॉटइन पोर्टल बनाया गया है. इस पोर्टल के अनुसार रांची में 15 अप्रैल को वेंटिलेटर बेड उपलब्ध ही नहीं है. सामान्य बेड 1296 है, जिसमें केवल 248 ही फुल है. बाकी खाली है. इसमें खेलगांव में ही 710 बेड है, जहां मरीज जाना नहीं चाहते हैं. इसके अलावा ग्रामीण इलाकों के सीएचसी में 140 बेड खाली बताये जा रहे हैं.

यानी 1048 खाली सामान्य बेड में 850 बेड ग्रामीण इलाकों और खेलगांव के हैं. वहीं निजी अस्पतालों में या तो सामान्य बेड नहीं है या हैं भी तो भरे हुए हैं. इसी तरह अॉक्सीजन सपोर्टेड बेड 1187 हैं. जिसमें 1114 फुल है. यानी केवल 73 बेड खाली है. वेंटिलेटर बेड की बात करें, तो पोर्टल के अनुसार 180 वेंटिलेटर में 119 फुल है और 61 खाली है. जिस सदर अस्पताल में 60 वेंटिलेटर की बात कही जा रही है, वहां केवल नौ वेंटिलेटर ही चालू है. यानी वेंटिलेटर शायद ही किसी अस्पताल में खाली हो. निजी अस्पताल मेडिका, मेदांता, पल्स, राज अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं है.

रिम्स में अॉक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर बेड तक फुल :

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में 56 वेंटिलेटर बेड हैं और सारे फुल हैं. इसी तरह 14 आइसीयू बेड फुल है. 182 अॉक्सीजन सपोर्टेड बेड भी फुल है. आइसेलेशन बेड 156 है, जिसमें 78 फुल है.

28 दिनों में 73 लोगों की जान चली गयी रांची में

क्या है बेड की स्थिति
पोर्टल के अनुसार

रिम्स सहित सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर बेड तक फुल, सिर्फ आइसोलेशन बेड खाली

कोरोना संक्रमित

झारखंड 3480

रांची 1393

मौत 28

बेड के प्रकार कुल फुल

अाइसोलेशन बेड 1296 248

अॉक्सीजन सपोर्टेड बेड 1187 1114

आइसीयू बेड विद बीआइपीएपी 65 55

अाइसीयू बेड(एचएफएनसी) 82 62

वेंटिलेटर बेड 180 119

Posted BY : Sameer Oraon

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