राजधानी के बैंक्वेट और मैरेज हाॅलों का हाल: प्रशासन का आदेश भी नहीं मानते हैं संचालक, करोड़ों की कमाई, पर पार्किंग नहीं बनायी

रांची: राजधानी रांची में सार्वजनिक जगहों की कमी है. ऐसे में शहरवासियों को अपने छोटे से आयोजन करने के लिए भी बैंक्वेट और मैरेज हॉल का सहारा लेना पड़ रहा है. परंतु इन भवनों में होने वाले आयोजनों से इस शहर का हर व्यक्ति प्रभावित होता है. शादी-विवाह के मौसम में तो इन भवनों के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 10, 2017 6:38 AM
रांची: राजधानी रांची में सार्वजनिक जगहों की कमी है. ऐसे में शहरवासियों को अपने छोटे से आयोजन करने के लिए भी बैंक्वेट और मैरेज हॉल का सहारा लेना पड़ रहा है. परंतु इन भवनों में होने वाले आयोजनों से इस शहर का हर व्यक्ति प्रभावित होता है. शादी-विवाह के मौसम में तो इन भवनों के आसपास के सड़कों पर गुजरना दूभर हो जाता है.

बैंक्वेट और मैरेज हॉल के सामने सड़क पर बेतरतीब ढंग से वाहन खड़े किये जाते हैं, जिससे इन भवनों के सामने के घंटाें जाम लगा रहता है. वहीं, बारातियों का झुंड पूरी सड़क को घेर कर नृत्य करते हुए चलता है. इससे भी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. हालांकि, अब झारखंड हाइकोर्ट की फटकार से सरकार की आंख खुली है. जिला प्रशासन ने इसमें पहल करते हुए मैरेज और बैंक्वेट हॉलों के लिए कई कड़े आदेश जारी किये हैं. हालांकि, लोग यह भी कह रहे हैं कि इस तरह के आदेश पहले भी जारी किये गये थे, लेकिन नियमों का उल्लंघन करनेवाले मैरेज और बैंक्वेट हॉलों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
आयोजन में शामिल होने वाले भी होते हैं परेशान : रांची नगर निगम क्षेत्र में कुल 84 मैरेज व बैंक्वेट हॉल संचालित हैं. इनमें से 49 को रांची नगर निगम ने लाइसेंस जारी किया है, जबकि 35 के कागजात की जांच की जा रही है. जिन्हें नगर निगम ने लाइसेंस जारी किया है, उनमें से अधिकतर के पास वाहन पार्क करने की जगह है. हालांकि, शादी-विवाह या अन्य किसी तरह के आयोजन में मैरेज व बैंक्वेट हॉल के संचालक दरबान को गेट पर खड़ा कर देते हैं. ये दरबान यहां आनेवाले वाहनों को भवन के अंदर प्रवेश करने ही नहीं देते. बल्कि उन्हें सलाह देते हैं कि आप अपने वाहन को सड़क के किनारे ही कहीं पर खड़े कर दें.
ऐसे भी हैं कई मैरेज व बैंक्वेट हॉल : शहर में कई ऐसे भवन हैं, जहां सार्वजनिक कार्यक्रम साल भर चलते ही रहते हैं. इसके बावजूद इन जगहों पर पार्किंग का नामोनिशान नहीं है. इसमें हरमू रोड स्थित दिगंबर जैन भवन, मारवाड़ी भवन, आइएमए भवन, मान्या पैलेस मोरहाबादी, संगम गार्डेन, पारिजात सर्कुलर रोड, मिलन पैलेस क्लब रोड, परिणय टैगोर हिल रोड शामिल हैं. ऐसे भवनों को नगर निगम लाइसेंस कैसे निर्गत करता है, यह शहरवासियों के समझ से परे हैं.
नगर निगम ने जारी की नयी गाइड लाइन
मैरेज अौर बैंक्वेट हॉलों के मनमानी को देखते हुए नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने मंगलवार को शहर के सभी ऐसे भवनों के लिए आदेश जारी किया है. जारी आदेश के मुताबिक सभी मैरेज हॉल व बैंक्वेट ऑनर निगम को शपथ पत्र में लिख कर दें कि वे अपने यहां आनेवाले बारातियों के वाहन की पार्किंग सड़क पर नहीं करवायेंगे. कोई भी बाराती सड़क पर पटाखे और फुलझड़ी नहीं छोड़ेगा. रात्रि 10 बजे के बाद किसी प्रकार के डीजे नहीं बजाया जायेगा. इसके अलावा ऐसे भवनों में फायर फायटिंग व सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था दुरुस्त रहेगी. जारी आदेश में यह भी लिखा गया है कि अगर कोई भवन ऑनर उपरोक्त प्रक्रिया पालन नहीं करता है, तो निगम ऐसे भवनों पर कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होगा.

Next Article

Exit mobile version