झारखंड विधानसभा में पारित जीएसटी विधेयक के क्या हैं खास प्रावधान?

रांची:झारखंड विधानसभा में आजवस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी जीएसटी बिल पारित हो गया.जीएसटी कोआजादभारत का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बतायाजा रहा है. इससे पूरे देशकेकारोबार स्वरूप व टैक्स प्रणालीमें बदलाव अायेगा.जाहिर है झारखंडभीइससेप्रभावित होगा.ऐसे मेंझारखंड विधानसभा में आज पारित हुए वस्तु एवं सेवा कर विधेयक केअहमप्रावधानों को जानना आपकेलिए जरूरीहै.पढ़ेइसबिलके अहमबिंदु : पेट्रोल,डीजल,कच्चातेल,एलपीजी,शराबजीएसटीके दायरे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 27, 2017 3:44 PM

रांची:झारखंड विधानसभा में आजवस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी जीएसटी बिल पारित हो गया.जीएसटी कोआजादभारत का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बतायाजा रहा है. इससे पूरे देशकेकारोबार स्वरूप व टैक्स प्रणालीमें बदलाव अायेगा.जाहिर है झारखंडभीइससेप्रभावित होगा.ऐसे मेंझारखंड विधानसभा में आज पारित हुए वस्तु एवं सेवा कर विधेयक केअहमप्रावधानों को जानना आपकेलिए जरूरीहै.पढ़ेइसबिलके अहमबिंदु :


पेट्रोल,डीजल,कच्चातेल,एलपीजी,शराबजीएसटीके दायरे से बाहर रहेगा.जीएसटी परिषद की अनुशंसा के बिना इस पर कर नहीं लगाया जायेगा.


इलेक्ट्रानिक्स कॉमर्स के माध्यम से मंगाये जाने वाले मालवसेवाओंपरउपभोक्ता कर राज्य सरकारद्वारा लगाया जासकेगा,जो अभी तक संभव नहीं पाया है.


50 लाख की सीमा तकबिक्रीकरने वाले छोटे कारोबारियोंकेलिए कंपाउंडिंग की व्यवस्थाकी गयी है, जिसकेअनुसार, उन्हें इस व्यवस्थाके विस्तृत प्रावधानों के पालन कीजरूरतनहीं होगी.


पूरे देश में समान रूप से करकीविमुक्ति भी की जा सकेगी.


माल और सेवा के राज्य में आपूर्ति करने पर व्यवसायी को उस माल-सेवापूर्व में चुकाये गये कर का सामंजस्यप्राप्त करना होगा.इससे छद्म खरीद-बिक्री पर राेकलगेगी.


विधेयक में निबंधन की सीमा को20लाख रुपयारखे जाने का प्रावधान है, वर्तमान में यह सीमा 10 लाख रुपये है.


निबंधन की कार्रवाई सीधे इलेक्ट्रानिक पोर्टल पर की जानी है.


ऐसी व्यवस्थाभी प्रस्तावित है कि केवल कर मुक्त माल-सेवा की आपूर्ति करनेवालाव्यक्तिनिबंधन लेने के लिए बाध्य नहीं होगा.


भूमि पर खेतीकरने वाले के लिए निबंधनकीजरूरत नहीं है.


विधेयक के अंतर्गत पहली बार इ-पेमेंटके अतिरिक्तएनइएफटी व आरटीजीएस, डेबिट-क्रेडिटकार्ड से कर भुगतान की व्यवस्थाहै.


किसी भी प्रकार की कर वापसी के लिए 90 दिनों की सीमा तय है.


निर्यात किये जाने वालेवस्तु, सेवा को किसीभी प्रकारकेकर के प्रभाव से अलग रखे जाने का प्रावधान है.


ऐसीवस्तु,सेवापर किसी भी चरण में चुकाये गये कर के 90 प्रतिशतराशि की औपबंधिक वापसी निर्यात के 90 दिन के पूर्वहीदिए जाने की व्यवस्थाप्रस्तावित है.


स्वत: कर निर्धारण की व्यवस्थाभी इसके तहत प्रस्तावित है.


राजस्वके दृष्टिकोण से बड़े कारोबारी का सिस्टम द्वारा चयन किया जायेगा.उनका विस्तृत लेखा-जोखा परीक्षण कीव्यवस्थाप्रस्तावित है.ताकि टैक्स चोरी रोकीजा सके.

झारखंड विधानसभा में बिना चर्चा के 15 मिनट में पास हुआ जीएसटी विधेयक

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