2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में जुटा नाबार्ड

रांची : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने 2022 तक झारखंड के किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है. नाबार्ड के राज्य फोकस पेपर में इस बात का जिक्र किया गया है. सरकार के सहयोग से इस कार्यक्रम को अमली जामा पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. नाबार्ड के मुख्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2017 6:56 AM
रांची : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने 2022 तक झारखंड के किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है. नाबार्ड के राज्य फोकस पेपर में इस बात का जिक्र किया गया है. सरकार के सहयोग से इस कार्यक्रम को अमली जामा पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एस मंडल के अनुसार राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 87793 करोड़ (2008-09 में) रुपये से बढ़ कर 2015-16 में 226405 करोड़ रुपये हो गया है. कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में विकास की यह दर 18.95 फीसदी बढ़ी है.
उनके अनुसार, कृषि क्षेत्र में 18 प्रतिशत कर्ज दिये जाने का भी भारतीय रिजर्व बैंक ने निर्देश दिया है. इसमें किसानों को और किये जाने की जरूरत है. फोकस पेपर में कहा गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कृषि ऋण, स्वयं सहायता समूहों, कृषि उत्पादक संघों व प्रगतिशील किसानों को और कर्ज देकर किसानों की वार्षिक आय बढ़ायी जा सकती है. अब भी झारखंड में किसानों की आय राष्ट्रीय औसत से काफी कम है.
डेयरी व मत्स्य पालन पर अधिक जोर : किसानों की आय बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में डेयरी विकास के लिए दूध उत्पादन की क्षमता 18.12 लाख मीट्रिक टन से बढ़ा कर 24 लाख मीट्रिक टन करने की योजना बनायी गयी है. मछली पालन भी दोगुना करने पर बल दिया गया. रेशम उत्पादन की गतिविधियां बढ़ाने के अलावा वन आधारित औद्योगिक क्रियाकलाप बढ़ाने के लिए रांची, गुमला, खूंटी, लोहरदगा व पश्चिमी सिंहभूम में तसर उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है. फोकस पेपर में खाद्य और कृषि प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिये जाने की बाते भी कही गयी है.
2017-18 के लिए 20648 करोड़ की योजना : नाबार्ड की तरफ से 2017-18 में कृषि, शिक्षा व आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए 20648 करोड़ की वार्षिक साख योजना तय की गयी है. इसमें फसल उत्पादन, फसलों के रख-रखाव और उसकी मार्केटिंग से संबंधित कर्ज दिये जाने में 6117 करोड़ का प्रावधान किया है. कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए भी 2671 करोड़ रुपये के कर्ज उपलब्ध कराये जायेंगे. कृषि के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में 440 करोड़ रुपये नाबार्ड और अन्य बैंकों के मार्फत दिये जायेंगे. नाबार्ड ने लघु औद्योगिक इकाई के लिए भी 7054 करोड़ व शिक्षा के लिए 1020 करोड़ का प्रावधान किया है.

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