झारखंड में जमीन के आठ साल के दस्तावेज कंप्यूटर से हुए नष्ट

राज्य भर में जमीन के वर्ष 2008 से जून 2016 तक के दस्तावेज कंप्यूटर से नष्ट हो गये हैं. इससे हड़कंप मच गया है. तरह-तरह की आशंका जतायी जा रही है. लोग अपनी संपत्ति की डीड के लिए परेशान हैं. विशेषज्ञ डाटा को रिकवर करने का प्रयास कर रहे हैं, पर 15 दिनों में सफलता […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 28, 2016 2:05 AM
राज्य भर में जमीन के वर्ष 2008 से जून 2016 तक के दस्तावेज कंप्यूटर से नष्ट हो गये हैं. इससे हड़कंप मच गया है. तरह-तरह की आशंका जतायी जा रही है. लोग अपनी संपत्ति की डीड के लिए परेशान हैं. विशेषज्ञ डाटा को रिकवर करने का प्रयास कर रहे हैं, पर 15 दिनों में सफलता नहीं मिल पायी है.
रांची : राज्यभर के रजिस्ट्री अॉफिस से वर्ष 2008 से जून 2016 तक के जमीन व फ्लैट के दस्तावेज कंप्यूटर से नष्ट (डिलीट) हो गये हैं. इससे लोगों में हड़कंप मचा है. लोग अपनी संपत्ति की नकल लेने के बहाने स्थिति पता करने रजिस्ट्री ऑफिस पहुंच रहे हैं. ऑफिस में उन्हें बताया जा रहा है कि 2008 के पहले तक के डीड सही सलामत हैं. इन्हें लिया जा सकता है. पर इसके बाद के डीड फिलहाल नहीं हैं. यह डिलीट हो गये हैं. इन्हें नेशनल इंफोरमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) की अोर से इसे रि-स्टोर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. हालांकि 15 दिन बाद भी डाटा को रिकवर नहीं किया जा सका है.

राजस्व व भूमि सुधार मंत्री अमर बाउरी ने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया गया है. मामले को लेकर गुरुवार को अधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है.
लोगों की चिंता बढ़ी : दस्तावेज के कंप्यूटर से नष्ट हो जाने के कारण लोग चिंतित हैं. जिन लोगों के फ्लैट या जमीन के डीड खो गये हैं, उन्हें नकल नहीं मिल रही है. जमीन या फ्लैट के मालिक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं कोई नकली डीड लेकर उनकी संपत्ति पर दावा न कर दे. लोगों को अपनी संपत्ति पर बैंकों से लोन भी नहीं मिल रहा है. जमीन की खरीद-बिक्री में भी भारी गड़बड़ी की आशंका जतायी जा रही है. लोग परेशान हैं.
म्यूटेशन भी प्रभावित
रजिस्ट्री अॉफिस में जमीन/फ्लैट की रजिस्ट्री तो हो रही है, लेकिन सर्वर क्रश होने के कारण इंटीग्रेशन का काम नहीं हो रहा है. यानी अॉनलाइन म्यूटेशन की व्यवस्था ठप हो गयी है. पहले रजिस्ट्री होते ही सीअो अॉफिस को अॉनलाइन सूचना चली जाती थी. फिलहाल यह नहीं हो रहा है. इससे म्यूटेशन व रसीद काटने का काम प्रभावित है.
माफियाअों की भूमिका पर सवाल
मामले में माफियाअों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि माफियाआें की मिलीभगत से सारा कुछ हुआ है. जमीन की खरीद- बिक्री में गड़बड़ी की आशंका जतायी
जा रही है. यह भी कहा जा रहा है कि माफिया ऐसी स्थिति पैदा कर इस तरह की गड़बड़ी कर सकते हैं.
बैक अप लाने का प्रयास किया जा रहा है
तकनीकी समस्या हुई है. मैंने इसकी जानकारी ली है. समस्या का हल निकालने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है. मामले को लेकर गुरुवार को अधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है. डाटा का बैक अप लाने का प्रयास किया जा रहा है.
– अमर बाउरी, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री, झारखंड

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