निकाले गये थे बच्‍चा सिंह अब वहीं रह रहे हैं सिंघमार

झारखंड : हाइकोर्ट के निर्देश पर जिस आवास से रांची : एनआरएचएम के प्रबंध निदेशक (एमडी) आशिष सिंघमार रिम्स के बंगला (केडी बंगला-दो) में रह रहे हैं. नियमत: रिम्स का कोई भी आवास रिम्स कर्मी को छोड़ किसी अन्य को नहीं दिया जा सकता. इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका (सीयूजेसी 420/2001) की सुनवाई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 2, 2015 2:14 AM
झारखंड : हाइकोर्ट के निर्देश पर जिस आवास से
रांची : एनआरएचएम के प्रबंध निदेशक (एमडी) आशिष सिंघमार रिम्स के बंगला (केडी बंगला-दो) में रह रहे हैं. नियमत: रिम्स का कोई भी आवास रिम्स कर्मी को छोड़ किसी अन्य को नहीं दिया जा सकता.
इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका (सीयूजेसी 420/2001) की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने इस बारे में पहले ही आदेश पारित किया था. इसके बाद रिम्स के एक आवास में रह रहे पूर्व मंत्री बच्च सिंह को वहां से हटना पड़ा था. कोर्ट ने कहा था रिम्स कर्मियों के अलावा किसी और का रिम्स आवास में रहना गैरकानूनी है.
दरअसल, एमडी आशिष सिंघमार को स्वास्थ्य विभाग के पूर्व संयुक्त सचिव बीके मिश्र की अनुशंसा पर यह आवास आवंटित किया गया था. आवास को सजाने-संवारने, इसकी मरम्मत व नये निर्माण पर भवन निर्माण विभाग व रिम्स प्रशासन ने 25 से 30 लाख रुपये खर्च किये हैं. कमरे, किचन व बाथरूम सहित आवास की चहारदीवारी नये तरीके से तैयार की गयी है. रिम्स की ओर दीवार तोड़ कर नया गेट बनाया गया है.
यह बंगला रिम्स ऑडिटोरियम के पीछे है, जो रिम्स अधीक्षक या उपाधीक्षक के लिए है. रिम्स में दो बंगले हैं. आरएमसीएच के समय ये बंगला अधीक्षक एवं उपाधीक्षक के लिए बनाये गये थे. रिम्स बनने के बाद यह निदेशक या अधीक्षक/उपाधीक्षक को आवंटित किया जाना है.
पानी बिजली पर लाखों खर्च
एमडी को आवंटित आवास में पानी व बिजली की नयी व्यवस्था पर रिम्स प्रबंधन ने लाखों रुपये खर्च किये हैं. रिम्स सूत्रों के अनुसार, अभी इसका भुगतान नहीं हुआ है. भुगतान के लिए रिम्स शासी परिषद की अनुमति ली जानी है.

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