गुल्लक तोड़ निकाले 48 हजार रुपये, श्रमिक परिवार को फ्लाइट से भेजा झारखंड

उत्तर प्रदेश के नोएडा की रहनेवाली 13 साल की निहारिका ने अपनी गुल्लक तोड़कर 48 हजार रुपये निकाले और प्रवासी श्रमिक प्यारी कोल, उसकी पत्नी व बेटी को दिल्ली से हवाई जहाज में बैठाकर झारखंड भेजा

By Prabhat Khabar | June 1, 2020 11:41 PM

रांची : उत्तर प्रदेश के नोएडा की रहनेवाली 13 साल की निहारिका ने अपनी गुल्लक तोड़कर 48 हजार रुपये निकाले और प्रवासी श्रमिक प्यारी कोल, उसकी पत्नी व बेटी को दिल्ली से हवाई जहाज में बैठाकर झारखंड भेजा. कैंसर पीड़ित प्यारी अपने परिवार के साथ एक शेल्टर होम में दिन गुजार रहा था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस लड़की का आभार जताया है कहा है, ‘इस छोटी सी उम्र में ऐसी संवेदनशीलता के लिए निहारिका बिटिया का आभार. आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं.’

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नोएडा के सेक्टर-50 निवासी निहारिका द्विवेदी पाथ-वे स्कूल में कक्षा आठवीं की छात्रा है. वह कभी उस श्रमिक परिवार से मिली भी नहीं है. तीन दिन पहले दिल्ली में रहनेवाले एक रिश्तेदार ने निहारिका की मम्मी सुरभि द्विवेदी को फोन पर बताया कि यूसुफ सराय के सरकारी स्कूल में बने शेल्टर होम में नोएडा से आया श्रमिक परिवार रुका हुआ है. पति को कैंसर है, इस वजह से उसकी पत्नी और बेटी भी परेशान हैं. वे लोग किसी भी तरह घर जाना चाह रहे हैं. निहारिका ने यह बात सुनी और मम्मी से मदद करने की मंजूरी मांगी.

इसके बाद पिछले तीन साल की अपनी तीन गुल्लक तोड़कर 48 हजार रुपये निकाल लिये. फिर रिश्तेदार से उस परिवार की जानकारी और मोबाइल नंबर लिया. फिर निहारिका ने तीनों के लिए रांची तक का फ्लाइट का टिकट करवाया. उसके पिता ने कैब बुक कर परिवार को शेल्टर होम से एयरपोर्ट तक पहुंचवाया. रविवार की शाम ये परिवार रांची पहुंच गये.

नोएडा में रहकर परिवार पाल रहा था प्यारी कोल कैंसर पीड़ित प्यारी कोल (55) पत्नी सुशीला देवी व बेटी काजल के साथ नोएडा में रहकर परिवार का पालन पोषण करते थे. साथ ही अपना इलाज कराते थे. लॉकडाउन में काम बंद होने से तीनों बेरोजगार हुए और घर वापस जाना चाहते थे. किसी तरह दिल्ली पहुंच तो गये, लेकिन आगे का कोई साधन नहीं मिल, तो एक शेल्टर होम में दिन गुजार रहे थे. इधर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी निहारिका का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि इस छोटी सी उम्र में आपने बड़ा काम किया है.

Posted by Pritish Sahay

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