केंद्र उठाये रेल प्रोजेक्ट की बढ़ी लागत का बोझ: अरुणेंद्र कुमार

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुणेंद्र कुमार के साथ हुई बैठक में रेलवे की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जतायी. कहा कि राज्य सरकार द्वारा हमेशा समय पर राशि देने के बावजूद दशक भर पहले शुरू हुई झारखंड की रेल परियोजनाएं पूरी नहीं हो पायी है. राज्य सरकार पहले ही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 16, 2014 6:45 AM

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुणेंद्र कुमार के साथ हुई बैठक में रेलवे की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जतायी. कहा कि राज्य सरकार द्वारा हमेशा समय पर राशि देने के बावजूद दशक भर पहले शुरू हुई झारखंड की रेल परियोजनाएं पूरी नहीं हो पायी है. राज्य सरकार पहले ही 585 किमी रेल मार्ग की छह योजनाओं के लिए रेलवे को दो हजार करोड़ रुपये दे चुकी है. अब तक केवल 365 किमी रेल मार्ग ही बनाया जा सका है. रेलवे ने समय पर इन योजनाओं को पूरा नहीं किया. इसके चलते लागत बढ़ कर छह हजार करोड़ रुपये हो चुकी है. इसलिए बढ़ी लागत का बोझ केंद्र सरकार वहन करे.

रेल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन द्वारा राशि की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केवल पूर्णता पर पहुंच चुकी परियोजनाओं की राशि देने पर विचार करेगी. सरकार अब परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए गठित कमेटी के प्रतिवेदन के आधार पर योजनावार एमओयू साइन करेगी.

* पीएम से मिल कर करेंगे अनुरोध : मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा : प्रधानमंत्री से मिल कर रेलवे के कारण राज्य पर पड़नेवाले बोझ का वहन केंद्र सरकार से उठाने का आग्रह करेंगे. मुख्यमंत्री ने रेलवे बोर्ड को अब तक दी गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिये जाने पर नाराजगी जतायी. उपयोगिता प्रमाण पत्र जल्द देने को कहा.रेलवे ने समय से काम पूरा नहीं किया, इसलिए बढ़ी लागत बतायी कमियां

* रेलवे को दो हजार करोड़ रुपये दे चुका है झारखंड

* लागत बढ़ कर छह हजार करोड़ रुपये हो चुकी है

* नहीं दिया जाता उपयोगिता प्रमाण पत्र

* पूर्णता पर पहुंची योजनाओं की राशि देने पर ही होगा विचार

– ओवरब्रिजों की देख-रेख का जिम्मा स्पष्ट करें

मुख्यमंत्री ने बोर्ड के अध्यक्ष को कोंकण रेलवे द्वारा बनाये गये 14 रेलवे ओवरब्रिज के रख-रखाव का जिम्मा भी स्पष्ट करने को कहा. कहा कि राज्य के रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) जर्जर स्थिति में हैं. कांड्रा रेलवे ओवरब्रिज ध्वस्त हो चुका है. बोर्ड को दो साल तक भी नहीं चलनेवाले रेलवे ओवरब्रिजों की जांच कर वास्तविक स्थिति का पता लगाना चाहिए.

– हटिया-बिरसा चौक के बीच ओवरब्रिज बने

मुख्यमंत्री ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से रांची शहर से गुजरनेवाली रेल लाइन के कारण हो रही कठिनाइयों पर भी चर्चा की. कहा कि झारखंड को यहां से रेलवे को मिलनेवाले राजस्व की तुलना में सुविधाएं नहीं मिलती. उन्होंने हटिया-बिरसा चौक के बीच आरओबी बनाने और रेल मार्ग के अगल-बगल से अतिक्रमण हटा आठ लेन की सड़क बनाने का सुझाव दिया.

– बदला जाये दुमका इंटरसिटी का समय

मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची-दुमका और दुमका-रांची इंटरसिटी की टाइमिंग ठीक नहीं है. इससे यात्रियों का समय बरबाद होता है. दुमका राज्य की दूसरी राजधानी है. लोगों की परेशानियों को देखते हुए ट्रेन के समय परिवर्तन जरूरी है. ट्रेन में एसी बोगियों की संख्या भी बढ़ायी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने दुमका को हावड़ा से रेल संपर्क द्वारा जोड़े जाने की बात भी कही.

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