शहरी क्षेत्र में पोलियो के प्रति गंभीरता जरूरी

रांची : पल्स पोलियो का यह कार्यक्रम इसलिए जरूरी है कि हमारे पड़ोसी देशों में पोलियो के मामले पाये जा रहे हैं. इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी समस्या शहर की वैसी स्लम बस्तियां हैं, जो आधिकारिक आंकड़ों में नहीं हैं. क्योंकि ऐसी जगहों पर शायद कोई आंगनबाड़ी केंद्र या एएनएम भी न हों. एेसी जगहों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2020 7:36 AM

रांची : पल्स पोलियो का यह कार्यक्रम इसलिए जरूरी है कि हमारे पड़ोसी देशों में पोलियो के मामले पाये जा रहे हैं. इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी समस्या शहर की वैसी स्लम बस्तियां हैं, जो आधिकारिक आंकड़ों में नहीं हैं.

क्योंकि ऐसी जगहों पर शायद कोई आंगनबाड़ी केंद्र या एएनएम भी न हों. एेसी जगहों पर हमें पहुंच कर बच्चों को यह दवा जरूर पिलानी होगी. ये बातें स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने शनिवार को कही.
वह डोरंडा राजकीय अस्पताल में पल्स पोलियो कार्यक्रम का उद्घाटन कर लोगों को संबोधित कर रहे थे. यह कार्यक्रम 19 जनवरी से राज्य भर में शुरू होगा. सचिव ने कहा कि रांची शहरी क्षेत्र में इस कार्यक्रम की उपलब्धि संतोषजनक नहीं रहती है. पिछले साल यह उपलब्धि 52 फीसदी थी.
इसे 80-90 फीसदी करना जरूरी है. डॉ कुलकर्णी ने कहा कि 1995 में शुरू होने के बाद इस वर्ष पल्स पोलियो कार्यक्रम के 25 साल पूरे हो रहे हैं. इधर गत 10 वर्षों के दौरान देश भर में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
पर एहतियात के लिए हर वर्ष पोलियो का एक चक्र आयोजित किया जाता है. इसमें करीब एक लाख विभागीय कर्मी योगदान देते हैं. इस अवसर पर शिशु स्वास्थ्य कोषांग प्रभारी डॉ अजीत प्रसाद, डॉ दीपावली, सिविल सर्जन, रांची डॉ वीबी प्रसाद व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
घर-घर जाकर भी मिलेगी दवा : निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ जेपी सांगा ने कहा कि 19 जनवरी को सभी पोलियो बूथों पर बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलायी जायेगी. वहीं 20 व 21 जनवरी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलायेंगे. भारत में पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को पाया गया था.
पोलियो संबंधी तथ्य : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 20 सितंबर 2015 को पूरे विश्व को टाइप–2 वायरस मुक्त घोषित कर दिया है. पर विश्व के कुछ देशों में बाद में भी पोलियो वायरस मिले हैं. इसलिए जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाना जरूरी है. इससे देश को पोलियो मुक्त बनाये रखने में मदद मिलेगी.

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