कांग्रेस की अहम मंत्रालयों की मांग के कारण नहीं हो पा रहा मंत्रिमंडल का विस्तार

कांग्रेस गृह, वित्त, ऊर्जा, कृषि, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य मंत्रालयों पर जता रही दावेदारीनयी दिल्ली : झारखंड में सरकार बने 15 दिन से अधिक हो गये हैं. कांग्रेस कोटे से रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम मंत्री बनाये गये हैं. लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है. सूत्रों का कहना है कि पहले […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 18, 2020 6:50 AM

कांग्रेस गृह, वित्त, ऊर्जा, कृषि, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य मंत्रालयों पर जता रही दावेदारी
नयी दिल्ली : झारखंड में सरकार बने 15 दिन से अधिक हो गये हैं. कांग्रेस कोटे से रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम मंत्री बनाये गये हैं. लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है. सूत्रों का कहना है कि पहले झामुमो कांग्रेस को चार मंत्री पद देना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस ने पांच मंत्री पद की मांग की. कई दौर की बातचीत के बाद झामुमो इसके लिए तैयार हो गयी. अब कांग्रेस गृह, वित्त, ऊर्जा, कृषि, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य मंत्रालयों पर दावेदारी जता रही है.

झामुमो गृह और वित्त मंत्रालय के अलावा ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहता है और इसलिए मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है. यही नहीं कांग्रेस में मंत्री पद के कई दावेदार हैं. कांग्रेस मंत्रिमंडल में सभी समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व देना चाहती है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की ओर से बन्ना गुप्ता, दीपिका पांडेय और राजेंद्र सिंह मंत्री पद की रेस में सबसे आगे हैं.

हालांकि जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी भी मंत्री बनने की रेस में शामिल हैं. चूंकि इस समुदाय से आलमगीर आलम को पहले ही मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है, लेकिन अंसारी समुदाय की संख्या को देखते हुए इरफान को मंत्री न बनने की सूरत में एडजस्ट करने की भी बात चल रही है. यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस की नजर झाविमो के अगले कदम पर भी है. ऐसे में कांग्रेस कोटे से सिर्फ दो ही मंत्री बनाये जा सकते हैं. अगर झाविमो के दोनों विधायक बाबूलाल के साथ नहीं जाते हैं, तो उनमें से एक विधायक को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.

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