स्वास्थ्य प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए झारखंड को दूसरा स्थान

रांची : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत स्वास्थ्य प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए झारखंड को देश भर में दूसरा स्थान मिला है. वित्तीय वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट के आधार पर झारखंड को यह पुरस्कार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के हाथों मिला है. राज्य के निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य डॉ वीएस खन्ना व प्रशासी पदाधिकारी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 17, 2019 12:29 AM

रांची : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत स्वास्थ्य प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए झारखंड को देश भर में दूसरा स्थान मिला है. वित्तीय वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट के आधार पर झारखंड को यह पुरस्कार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के हाथों मिला है. राज्य के निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य डॉ वीएस खन्ना व प्रशासी पदाधिकारी सुमन पाठक ने यह पुरस्कार ग्रहण किया.

गांधीनगर, गुजरात में अायोजित स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर व अनुकरणीय प्रयोग संबंधी तीन दिवसीय (16-18 नवंबर) छठे राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन झारखंड को पुरस्कृत किया गया. केंद्र सरकार प्रति वर्ष यह शिखर सम्मेलन आयोजित करती है. इसमें हर राज्य में हो रहे बेहतरीन कार्य एवं नये प्रयोग का प्रेजेंटेशन होता है. श्री हर्ष वर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी राज्यों को नये प्रयोग करने चहिए, जिससे आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारु रूप से पहुंच सके.
उन्होंने कहा कि पोलियो के खात्मे की तरह बच्चों में दूसरी बीमारियों के खात्मे के लिए भी पूर्ण टीकाकरण हमारा लक्ष्य है. इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे तथा झारखंड की अोर से सहिया प्रभारी अकई मिंज व आइइसी सेल के अजय शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे.
ये थे मानक : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण की मुख्य शर्त के मानकों में शामिल थे मानव संसाधन, वित्तीय प्रबंधन, परफॉरमेंस बेंच मार्क, सूचना प्रौद्योगिकी तथा स्वास्थ्य के अधिकार के क्षेत्र में हुए बेहतरीन कार्य.
पीएलए डैशबोर्ड का प्रेजेंटेशन दिया गया
कार्यक्रम के दौरान झारखंड की ओर से पार्टीसिपेटरी लर्निंग एंड एक्शन (पीएलए) डैशबोर्ड संबंधी प्रेजेंटेशन दिया गया. यह प्रेजेंटेशन राज्य भर की करीब 40 हजार सहियाओं द्वारा किये जा रहे पीएलए बैठक की रिपोर्ट का जीआइएस मैपिंग के साथ विश्लेषण के तरीके बारे में था. गौरतलब है कि माताअों को स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक करने के लिए राज्य के 22 हजार गांवों में करीब चार लाख बैठक गैर सरकारी संस्था एकजुट के सहयोग से हुई है.

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