पहले वक्त ज्यादा लगता था फिर भी वोट जरूर देते थे

बरियातू की रहनेवाली निर्मला सिंह 85 साल की है़ं उन्होंने अब तक कई बार वोट किये है़ं इस बार भी वोट देने के लिए काफी उत्साहित हैं. वह कहती है कि पहली बार वोट अपने परिवार के साथ रांची के सरकारी स्कूल में जाकर दी थी. उस समय बैलेट पेपर में निशान लगा कर पर्ची […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 16, 2019 9:02 AM
बरियातू की रहनेवाली निर्मला सिंह 85 साल की है़ं उन्होंने अब तक कई बार वोट किये है़ं इस बार भी वोट देने के लिए काफी उत्साहित हैं. वह कहती है कि पहली बार वोट अपने परिवार के साथ रांची के सरकारी स्कूल में जाकर दी थी. उस समय बैलेट पेपर में निशान लगा कर पर्ची को बैलेट बॉक्स में वोट डाला जाता था. पहले वोट देने में वक्त भी ज्यादा लगता था, फिर भी हम वोट जरूर देते थे. अब बुजुर्गों की वोटिंग के लिए काफी सुविधा कर दी गयी है़ वोट अपने विवेक के साथ देना चाहिए.
वोट पर ही देश का भविष्य टीका है़ अगर वोट देकर अच्छे नेता को नहीं चुनेंगे, तो देश और राज्य का विकास कैसे होगा. वोट वैसे उम्मीदवार को दें, जिनका काम शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नजर आ रहा हो. आज के युवा कहते हैं कि वोट देने से कुछ नहीं होगा. लेकिन मेरा मानना है कि आपके एक वोट न देने से अच्छे नेता हार भी सकते है़ं एक वोट से हार व जीत हो सकती है़ इसलिए उम्मीदवार का काम देख कर वोट करें. वोट देने घर से जरूर निकले.

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