रांची : 9,508 की जगह “35,227 मांगा जा रहा सालाना टैक्स

रांची : माइनिंग में काम आनेवाली लोडर एवं हैवी मशीनों पर टैक्स अधिक होने से मशीन मालिक परेशान हैं. मशीन मालिकों का कहना है कि पहले एक साथ 12 साल का टैक्स मांगा गया. इससे भी नहीं रहा गया, तो नियमों में संशोधन के नाम पर अब वार्षिक टैक्स भुगतान करने का विकल्प दिया गया. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 13, 2019 1:02 AM
रांची : माइनिंग में काम आनेवाली लोडर एवं हैवी मशीनों पर टैक्स अधिक होने से मशीन मालिक परेशान हैं. मशीन मालिकों का कहना है कि पहले एक साथ 12 साल का टैक्स मांगा गया. इससे भी नहीं रहा गया, तो नियमों में संशोधन के नाम पर अब वार्षिक टैक्स भुगतान करने का विकल्प दिया गया. इस पर भी भारी ब्याज जोड़ दिया गया है, जो परेशान करने वाला है. परिवहन विभाग द्वारा 9,508 की जगह अब 35,227 रुपये सालाना टैक्स मांगा जा रहा है.
83 प्रतिशत ब्याज जोड़ दिया गया : झारखंड हैवी माइनिंग मशीनरी एसोसिएशन के अध्यक्ष बिनोद नेमानी ने कहा कि संशोधन और अव्यावहारिक बन गया है.
इसमें सरकार ने 12 साल के 2,31,000 रुपये एकमुश्त टैक्स की रकम पर 83 प्रतिशत ब्याज जोड़ दिया है. ब्याज की यह रकम 1,91,730 रुपये होती है. इसे जोड़ कर ब्याज सहित कुल 4,22,730 रुपये को 12 वार्षिक किश्तों में भुगतान करने का संशोधन किया गया है.
इसके अनुसार, वाहन मालिक को 35,227 रुपये वार्षिक टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा. मतलब यह है कि जो वाहन मालिक जनवरी 2019 तक सालाना 9,508 रुपये टैक्स का भुगतान कर रहे थे, उन्हें अचानक 35,227 रुपये वार्षिक टैक्स का भुगतान करना होगा. जनवरी 2019 के मुकाबले उसे 271 प्रतिशत अधिक टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा है.
लोडर एवं हैवी मशीनों पर टैक्स अधिक होने से मालिक परेशान
जनवरी 2019 तक 12 टन वजन की लोडर मशीन का झारखंड में टैक्स 2377 रुपये त्रैमासिक था. वहीं, फरवरी से इसे वाहन मूल्य का सात फीसदी एकमुश्त कर दिया गया. यह 12 साल के लिए मान्य है.
2,377 रुपये त्रैमासिक के हिसाब से 12 वर्ष का टैक्स 1,14,096 रुपये होता है. जब वाहन मालिक टैक्स भुगतान करते हैं, तो उनसे उसी वाहन का 2,31,000 रुपये मांगा जाता है. अभी दो से तीन दिन पहले झारखंड मोटरवाहन करारोपण (संशोधन) आदेश 2019 लागू किया है. इसमें सरकार ने मशीन मालिकों को 12 साल के बदले वार्षिक टैक्स भुगतान का विकल्प दिया है.
टैक्स अधिक होने से झारखंड में मशीनों की बिक्री बिहार से कम हुई
झारखंड चेंबर के अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि टैक्सेशन की व्यवस्था पड़ोसी राज्यों के समान हो. सरकार का काम केवल राजस्व उगाही करना ही नहीं, बल्कि समस्याओं का समाधान करना भी है.
वहीं, झारखंड हैवी माइनिंग मशीनरी एसोसिएशन के सचिव सुशील महतो ने कहा कि टैक्स अधिक होने से झारखंड में मशीनों की बिक्री बिहार से कम हो रही है. वहीं बिहार में बिक्री झारखंड से दोगुनी हो गयी है. लोडर मशीन मालिक अरुण मोदी कहते हैं कि सरकार ने वन टाइम टैक्स लागू कर इस व्यवसाय को बंद करने पर विवश कर दिया है. उदय भान ने कहा कि जो स्थिति बनी है, वैसे में हमें गाड़ी खड़ी करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

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