झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : दिव्यांगों और बुजुर्गों की पोस्टल बैलेट वोटिंग रद्द करने का अनुरोध

रांची : राज्य के गृह सचिव और डीजीपी ने संयुक्त रूप से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर उग्रवाद प्रभावित जिलों को पोस्टल बैलेट वोटिंग से मुक्त कराने का अनुरोध किया है. इन अधिकारियों ने यह अनुरोध उग्रवाद प्रभावित जिलों के डीसी द्वारा लिखे गये पत्रों के आलोक में किया है. गौरतलब है कि चुनाव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 8, 2019 8:08 AM
रांची : राज्य के गृह सचिव और डीजीपी ने संयुक्त रूप से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर उग्रवाद प्रभावित जिलों को पोस्टल बैलेट वोटिंग से मुक्त कराने का अनुरोध किया है. इन अधिकारियों ने यह अनुरोध उग्रवाद प्रभावित जिलों के डीसी द्वारा लिखे गये पत्रों के आलोक में किया है.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने राज्य के 80 वर्ष की उम्र से ज्यादा के मतदाताओं और दिव्यांगों के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इसके तहत नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पांच दिनों के अंदर बीएलओ के माध्यम से फॉर्म डी भेजकर बैलेट वोटिंग के लिए उनकी सहमति और ब्योरा मंगाया जा रहा था. इसके बाद मतदान तिथि से तीन दिन पहले पोलिंग पार्टी के माध्यम से पोस्टल बैलेट पेपर 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और दिव्यांगों तक पहुंचाकर उस पर उनकी मुहर लगवाने के बाद वापस स्ट्रांग रूम में जमा करवाना था. आयोग के इस निर्देश के अनुपालन में चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.
उग्रवाद प्रभावित जिलों में परेशानी : पोस्टल बैलेट वोटिंग के लिए गांव-गांव तक पोलिंग पार्टी भेजना संभव नहीं
उग्रवाद प्रभावित जिलों में बहुत सारे मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर से पहुंचाना पड़ता है. इसके अलावा बहुत से मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां मतदान से दो दिन पहले पोलिंग पार्टी को पहुंचाना पड़ता है. ऐसी परिस्थिति में पोस्टल बैलेट वोटिंग के लिए पोलिंग पार्टी का गठन कर गांव-गांव तक भेजना संभव नहीं हो रहा था. मतदान कर्मियों और पुलिस कर्मियों की सुरक्षा की भी समस्या सामने आ रही थी.

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