रांची : सड़कों से लालटेन हटा ट्यूबलाइट लगवायी

यादों का झारोखा. रांची नगर पालिका में 14 वर्ष चेयरमैन रहे शिव नारायण जायसवाल रांची : शिव नारायण जायसवाल रांची नगर पालिका में 14 वर्ष (1963-76) तक चेयरमैन रहे. उस समय रांची की सड़कों पर स्ट्रीट लाइट के नाम पर लालटेन टांगी जाती थीं. पूरी रांची में ऐसी 1500 से अधिक लालटेनों थीं. हर शाम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 16, 2019 9:12 AM
यादों का झारोखा. रांची नगर पालिका में 14 वर्ष चेयरमैन रहे शिव नारायण जायसवाल
रांची : शिव नारायण जायसवाल रांची नगर पालिका में 14 वर्ष (1963-76) तक चेयरमैन रहे. उस समय रांची की सड़कों पर स्ट्रीट लाइट के नाम पर लालटेन टांगी जाती थीं. पूरी रांची में ऐसी 1500 से अधिक लालटेनों थीं. हर शाम निगम कर्मचारी इन लालटेनों में केरोसिन डालते थे और उसे जलाकर छोड़ देते थे. सुबह तक केरोसिन खत्म हो जाता था, तो खुद-ब-खुद लालटेन बुझ जाती थी.
ये शिव नारायण जायसवाल ही थे, जिन्होंने रांची में स्ट्रीट लाइट के नाम पर बिजली के खंभों पर ट्यूबलाइट लगाने का काम शुरू कराया. रविवार को प्रभात खबर ने उनसे बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे उस समय जब नगर पालिका के पास नहीं के बराबर संसाधन थे. तब नगरपालिका ने जनोपयोगी कई कार्यों को कर दिखाया.
बैलगाड़ी से होता था कूड़ा कलेक्शन : श्री जायसवाल बताते हैं कि उस समय निगम के पास कूड़ा उठाने वाला एक भी वाहन नहीं था. कूड़ा वाले सड़क पर बैलगाड़ी लेकर चलते थे. जहां कूड़ा मिलता था, बैलगाड़ी को रोक कर कूड़ा को लोड किया जाता था. फिर उसे खादगढ़ा बस स्टैंड व मधुकम में डंप किया जाता था. वर्ष 1964 में रांची में पहला सार्वजनिक शौचालय डेली मार्केट टैक्सी स्टैंड में बनाया गया था. चूंकि उस समय अधिकतर लोग खुले में ही शौच किया करते थे. इसलिए हमने शर्त रखी कि उन्हीं घरों का नक्शा पास होगा, जिनके घर में शौचालय होगा.
"88 लाख से किया जायेगा जोड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण
रांची : नगर निगम ने एक बार फिर बरियातू रोड स्थित जोड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण की योजना बनायी है. इस पर करीब 88 लाख रुपये खर्च होंगे. नगर निगम ने रविवार को इसका टेंडर निकाला है.
गौरतलब है कि जोड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण पूर्व में भी दो करोड़ की लागत से कराया जा रहा था. लेकिन ठेकेदार ने अधूरा काम किया. ठेकेदार ने यहां एक ओर के तालाब में 60 प्रतिशत काम किया था. जबकि दूसरी ओर के तालाब में ठेकेदार ने कोई काम नहीं किया था. इस कारण ठेकेदार को टर्मिनेट कर दोबारा नये सिरे से सौंदर्यीकरण की योजना बनायी गयी है.

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