उज्‍जवला योजना के प्रभाव से राज्य के वन घनत्व और क्षेत्रफल में हुआ विस्तार : रघुवर दास

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में पिछले 4 वर्षों में वन क्षेत्र में लगभग साढ़े तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह बड़ी उपलब्धि है. राज्य के वन घनत्व और क्षेत्रफल में विस्तार हुआ है. झारखंड में वन क्षेत्र 33 फीसदी के राष्ट्रीय औसत से अधिक हुआ. प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 22, 2019 6:12 PM

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में पिछले 4 वर्षों में वन क्षेत्र में लगभग साढ़े तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह बड़ी उपलब्धि है. राज्य के वन घनत्व और क्षेत्रफल में विस्तार हुआ है. झारखंड में वन क्षेत्र 33 फीसदी के राष्ट्रीय औसत से अधिक हुआ. प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना का यह सकारात्मक प्रभाव है. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित राज्य 20 सूत्री समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कही.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि होना झारखंडवासियों के लिए बड़ी उपलब्धि है. जिस प्रकार देश में सिकुड़ते वन क्षेत्र और राज्य के वन क्षेत्रों में कमी आयी थी वह चिंता का विषय था. परंतु पिछले साढ़े चार वर्षों के सरकार और जनता के प्रयास से वन क्षेत्रों में हुई वृद्धि की रिपोर्ट अच्छी खबर लेकर आई है.

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना बनी सहायक

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अच्छी बात यह है कि राज्य के वृक्ष क्षेत्र तथा सघन वन क्षेत्र में 214 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की कई योजनाएं और खासकर प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने झारखंड के वन संरक्षण में अहम भूमिका निभाई है. केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी गैस चूल्हों का उपयोग बढ़ा है जिसके फलस्वरूप जलावन की लकड़ी के लिए जंगल को क्षति पहुंचना कम हुआ है.

पर्यावरण संतुलन की दिशा में सरकार ने की है सकारात्मक पहल

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में वृक्षारोपण के लिए व्यापक अभियान पिछले 4 वर्षों में चलाया गया. पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने के लिए ‘मुख्यमंत्री जन वन योजना’ चलायी गयी है. इस योजना के लागू होने से पर्यावरण की दिशा में सकारात्मक परिणाम दिखे हैं. मुख्यमंत्री जन वन योजना के अंतर्गत वनाच्छादित क्षेत्रों को बढ़ाने की दिशा में बेहतरीन प्रयास हो रहे हैं. निजी भूमि पर भी वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर किसानों की आय के साधन में वृद्धि के साथ-साथ राज्य के वन क्षेत्रों से दबाव को कम किया गया है.

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