खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा- एक व्यक्ति से चार लोगों का काम करा रही हैं कंपनियां

रांची : केंद्र और राज्य सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिए काम कर रही है. लोगों को खुद भी कुशल बनने की कोशिश करनी चाहिए. सरकार संस्थाओं को फंड देती है, तो संस्थाओं का भी दायित्व है कि लोगों का अच्छे तरीके से कौशल विकास करें. वे किस तरह से कुशल हो रहे हैं, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 8, 2019 1:46 AM

रांची : केंद्र और राज्य सरकार युवाओं के कौशल विकास के लिए काम कर रही है. लोगों को खुद भी कुशल बनने की कोशिश करनी चाहिए. सरकार संस्थाओं को फंड देती है, तो संस्थाओं का भी दायित्व है कि लोगों का अच्छे तरीके से कौशल विकास करें. वे किस तरह से कुशल हो रहे हैं, इस पर ध्यान देना चाहिए. जिस उद्देश्य से कौशल विकास कर रहे हैं, उसमें सफलता मिलनी चाहिए. कई कंपनियां अपना सारा काम आउटसोर्सिंग से करा रही हैं. स्थिति यह है कि कई कंपनियां चार आदमी का काम एक व्यक्ति से करा रही है.

यह बातें खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने शुक्रवार को होटल बीएनआर चाणक्या में शुक्रवार को कहीं. वे एसोचैम के तत्वावधान में आयोजित सम्मिट कम अवार्ड ऑन स्किलिंग इंडिया कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि समाज में आर्थिक दरार चौड़ी होती जा रही है. इस खाई को पाटना होगा. सामाजिक स्थितियों का भी आकलन करना चाहिए.

शिक्षा और स्वास्थ्य नि:शुल्क कर देना चाहिए
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि जब तक मन में भाव पैदा नहीं होगा, तब तक विकास नहीं हो सकता है. बहुत संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन रिजल्ट जीरो है. केवल सेमिनार और भाषण से काम नहीं चलेगा.

प्रतिस्पर्द्धा का युग है. इसमें आगे आना होगा. कुछ करके दिखाना होगा. शिक्षा और स्वास्थ्य को नि:शुल्क कर देना चाहिए. कई सारी समस्याओं का समाधान हो जायेगा. हर व्यक्ति को काम सीखना अनिवार्य कर देना चाहिए. गांवों में स्थिति यह हो गयी है कि वहां मजदूर नहीं मिल रहे हैं.
बड़े-बड़े संस्थानों से पढ़ कर निकलने वाले छात्रों को रोजगार कैसे मिले, इस पर विचार करना होगा. श्री सिंह ने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां रुचि नहीं ले रही हैं. केवल वह यह देखते हैं कि हमारी पूंजी बढ़ती रहे. सीएसआर भी मजबूरी में करते हैं. एक बड़ी कंपनी के साथ हेवी मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए सरकार ने समझौता किया था. आज चार साल हो गये, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ. वे रुचि नहीं ले रहे हैं.
  • समाज में आर्थिक दरार चौड़ी होती जा रही है, खाई को पाटना होगा
  • सामाजिक स्थितियों का भी आकलन करना चाहिए
माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर बनेगा
झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन सोसाइटी के सीइओ अमर झा ने कहा कि कई परेशानियों के कारण राज्य के युवा बाहर नौकरी ज्वाइन नहीं कर रहे हैं या ज्वाइन करने के बाद लौट जाते हैं. अनजाने शहर में जाना-पहचाना नाम मिल सके, इसके लिए माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर बनाया जा रहा है. दिल्ली-एनसीआर में सेंटर स्थापित करने के लिए वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है. जो भी जरूरत होगी, उन्हें मदद की जायेगी.
डिस्ट्रिक्ट स्किल डेवलपमेंट प्लान बनाया जायेगा, ताकि स्थानीय इंटरप्रेन्योर को जोड़ कर काम किया जा सके. मकसद है जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब क्रियेटर बन सकें. लोकल इंप्लॉयमेंट मिशन पर भी काम किया जा रहा है. विदेशों में भी रोजगार मिल सके, इसके लिए कंपनियों के साथ विश्व स्तरीय कार्यक्रम चलाने की योजना है.
मानवीय संवेदनाओं को बढ़ाना होगा
इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट के निदेशक डॉ श्रीरंजन ने कहा कि मानवीय गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मानवीय संवेदनाओं को बढ़ाना होगा. इसके पूर्व अडाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर को महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में बेहतर काम के िलए, सर्वश्रेष्ठ गैर सरकारी संगठन का सम्मान आरोह फाउंडेशन, बेस्ट एजुकेशनल इंटरप्रेन्योर ऑफ द इयर का अवार्ड अभिनव बाल्यान सहित विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वाले लोगों व कंपनियों को सम्मानित किया गया.
मौके पर एम्वे के वीपी चंद्रभूषण चक्रवर्ती, डॉ नीलम गुप्ता, मुकेश सिन्हा, जतिन त्रिवेदी आदि उपस्थित थे. स्वागत भाषण कैपिटल विवि के वीसी डॉ एमके वाजपेयी और धन्यवाद ज्ञापन एसोचैम, रांची शाखा के रीजनल डायरेक्टर भरत जायसवाल ने दिया.

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