रांची : महिला की किडनी का गलत ऑपरेशन का मामला, रिम्स पहुंची सीआइडी की टीम, अधीक्षक से मांगे कागजात

दो साल बाद बोतल से बाहर आया जिन्न रांची : रिम्स में किडनी की पथरी का ऑपरेशन कराने पहुंची कांके निवासी गुड़िया देवी का गलत ऑपरेशन करने के मामले की जांच के लिए गुरुवार को सीआइडी के अधिकारी रिम्स पहुंचे. सीआइडी के डीएसपी सह केस के अनुसंधानक विनोद रवानी ने रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 7, 2019 6:33 AM
दो साल बाद बोतल से बाहर आया जिन्न
रांची : रिम्स में किडनी की पथरी का ऑपरेशन कराने पहुंची कांके निवासी गुड़िया देवी का गलत ऑपरेशन करने के मामले की जांच के लिए गुरुवार को सीआइडी के अधिकारी रिम्स पहुंचे. सीआइडी के डीएसपी सह केस के अनुसंधानक विनोद रवानी ने रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप से मिलकर पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने ऑपरेशन से संबंधित कागजात की मांग की और रिम्स के अधिकारियों से बयान भी लिया.
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर इस मामले में बरियातू थाना में 20 अप्रैल 2019 को इस मामले में केस दर्ज किया गया था. इसमें आरोपी यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष चिकित्सक डॉ अरशद जमाल और डॉ अफसर आलम को बनाया गया था.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यह भी निर्देश दिया था कि केस का अनुसंधानक सीआइडी के डीएसपी रैंक के किसी अधिकारी को बनाया जाये. आयोग ने यह भी पूछा था संबंधित चिकित्सकों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? सूत्रों के अनुसार जल्द ही सीआइडी इस केस में अनुसंधान पूरा करने वाली है. आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
बायीं किडनी में था पथरी, डॉक्टर ने दायीं ओर लगा दिया चीरा
गौरतलब है कि करीब दो साल पहले कांके के बोड़ेया निवासी गुड़िया की बायीं किडनी में पथरी की शिकायत लेकर रिम्स के यूरोलॉजी विभाग में भर्ती हुई थी. विभागाध्यक्ष डॉ अरशद जमाल की देखरेख में उसका इलाज शुरू हुआ.
तय तारीख पर विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ अफसर आलम ने उसका ऑपरेशन भी किया, लेकिन बाद में पता चला कि डॉक्टर ने बायीं की जगह पेट की दायीं ओर चीरा लगा दिया है. इसके बाद से गुड़िया की मुसीबत बढ़ गयी. रिम्स की लापरवाही को छुपने के लिए उसे पहले बरियातू के जोड़ा तालाब स्थित लेक व्यू ले जाया गया. वहां पर इलाज नहीं करने के बाद जब गुड़िया को पुन: रिम्स लाने को कहा गया, तो परिजन उसे बोड़ेया स्थित घर ले गये.
तब तक यह मामला शहर में चर्चा का विषय बन गया और सरकार व रिम्स की किरकिरी होने लगी. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के आदेश पर सिविल सर्जन गुड़िया को सदर अस्पताल में भरती कराया गया. बाद में स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर रिम्स यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अरशद जमाल और आरोपी डॉ अफसर आलम को सस्पेंड कर दिया था. स्वास्थ्य मंत्री ने महिला को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की थी.

Next Article

Exit mobile version