तूफान ‘फनी’: आज शाम 5:30 बजे से अगले 24 घंटों के लिए झारखंड के 13 जिलों में हाई अलर्ट, जानें चक्रवात से पहले बचाव के उपाय

रांची : गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने चक्रवाती तूफान फनी को लेकर राज्य के 13 जिलों को विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिये हैं. इन जिलों के उपायुक्तों को बचाव संबंधी कार्रवाई करने के लिए तैयार करने को कहा गया है. इसके तहत पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, रांची, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, देवघर, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 3, 2019 8:07 AM
रांची : गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने चक्रवाती तूफान फनी को लेकर राज्य के 13 जिलों को विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिये हैं. इन जिलों के उपायुक्तों को बचाव संबंधी कार्रवाई करने के लिए तैयार करने को कहा गया है. इसके तहत पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, रांची, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, देवघर, जामताड़ा, दुमका, साहेबगंज, पाकुड़ व गोड्डा जिले के उपायुक्त को पत्र भेजा गया है. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा, वन एवं पर्यावरण, जल संसाधन, परिवहन व ऊर्जा विभाग को भी एहतियाती कार्रवाई करने को कहा गया है.
उपायुक्तों को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि संबंधित जिले चक्रवात से प्रभावित हो सकते हैं. तीन मई को दोपहर बाद 5:30 बजे से चार मई को दोपहर बाद 5:30 बजे तक इन जिलों में असर होने की संभावना है.
इस अवधि में 40 से 60 किमी प्रति घंटा के रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ ही तेज बारिश और वज्रपात होने की संभावना है. ऐसे में यहां बचाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है. साथ ही व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से संबंधित जिलों को अद्यतन स्थिति से अवगत भी कराया जा रहा है. बचाव को लेकर सरकार ने कई सुझाव भी दिये हैं.
अनिवार्य सेवाओं को सक्रिय रहने के आदेश
फनी को लेकर सभी जिलों के आपात कंट्रोल रूम को एक्टिव रहने को कहा गया है. वहीं प्रशासनिक व अनिवार्य सेवाओं से संबंधित पदाधिकारियों का अवकाश रद्द करते हुए उन्हें इससे निबटने के लिए लगाने को कहा गया है.
अनिवार्य सेवा पुलिस, स्वास्थ्य सरकारी व निजी, विद्युत, पेयजल, यातायात, वन व पर्यावरण, ब्लड बैंक, दवा दुकान, एंबुलेंस आदि को 24 घंटे सक्रिय रहने को कहा गया है. मेला, शादी व अन्य समारोहों के लिए मजबूत पंडाल बनाने को कहा गया है. यथा संभव अवधि में कार्यक्रम स्थगित रखने का प्रयास करने को कहा गया है.
अग्निशमन व आपातकालीन सेवा के अधिकारियों, कर्मचारियों को उपलब्ध रहने को कहा गया है. संबंधित उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है. सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों से कहा जा रहा है कि उनके आसपास के कमजोर व सूखे पेड़ों की कटाई करायें. सभी सीअो, बीडीओ, मेडिकल अफसर, सीडीपीओ, बीएसओ को अपने क्षेत्र में सतर्क रहने का निर्देश देने को कहा गया है.
ये निर्देश भी जारी किये
अनिवार्य सेवाएं 24 घंटे कार्यरत रहें, तेज हवा और बारिश होने पर बिजली काटें
सभी सरकारी और निजी अस्पताल को सतर्क रखें
कमजोर मकान, पेड़, नदी-नालों के किनारे से आम जनता को दूर रखा जाये
हॉस्टल, अस्पताल आदि में विशेष खाद्य सामग्री व चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित हो
एचइसी, सीसीएल, बीसीसीएल आदि की आपात व्यवस्था को एक्टिव रहने को करें
अगले दो दिनों तक लोग सैर-सपाटे के लिए पर्यटन स्थलों पर नहीं जायें
वज्रपात की संभावना को ध्यान में रखते हुए बचाव का प्रबंध करें
सरकारी व निजी स्कूल को बंद करने के संबंध में उपायुक्त निर्णय लें
चक्रवात से पहले बचाव के उपाय
शांत रहें, घबराये नहीं और अफवाहों पर ध्यान नहीं दें.
संपर्क क्षेत्र में बने रहने के लिए अपने मोबाइल फोन को चार्ज रखे. एसएमएस का इस्तेमाल करें.
मौसम की ताजा जानकारी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखे और अखबार पढ़ें.
अपने जरूरी सामान और कीमती सामान एक जलरोधक थैला में रखें.
एक आपदा किट अवश्य तैयार करें, जिसमें सुरक्षित रहने का जरूरी सामान हो.
अपने घर इमारतों को सुदृढ़ करें, जरूरी मरम्मत करायें.
मवेशी और पशुओं की सुरक्षा के लिए उन्हें बांध कर न रखें.
बिजली का मेन स्विच और गैस सप्लाई तुरंत बंद कर दें.
दरवाजे व खिड़की बंद रखें.
यदि घर असुरक्षित है, तो सुरक्षित स्थान पर चले जायें.
सिर्फ आधिकारिक चेतावनी पर ही विश्वास करें.
यदि बाहर हैं तब
क्षतिग्रस्त इमारत में न जायें.
टूटे बिजली के खंभों, तार व दूसरी नुकीली चीजों से बचें.
यथासंभव दो पहिया वाहन का प्रयोग करें.

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