रांची : कभी दूसरे के लिए करते थे काम आज 14 लोगों को दे रहे रोजगार

रांची : हॉकर गंगा प्रसाद राय आज मोरहाबादी सहित कई मुहल्लों में लोगों के बीच जाना-पहचाना नाम हैं. बकौल श्री राय, ‘मैं वर्ष 1987 में बिहार से रांची आया था. उस समय 10वीं की परीक्षा दी थी. रांची में मेरा कोई नाते-रिश्तेदार भी नहीं था. अपने एक ग्रामीण के यहां रुका था. लोहिया वस्त्रालय के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 1, 2019 9:34 AM
रांची : हॉकर गंगा प्रसाद राय आज मोरहाबादी सहित कई मुहल्लों में लोगों के बीच जाना-पहचाना नाम हैं. बकौल श्री राय, ‘मैं वर्ष 1987 में बिहार से रांची आया था. उस समय 10वीं की परीक्षा दी थी. रांची में मेरा कोई नाते-रिश्तेदार भी नहीं था. अपने एक ग्रामीण के यहां रुका था. लोहिया वस्त्रालय के पास शाम को जाता था. उसी दौरान आजीविका के लिए पेपर बांटने का काम शुरू किया और पढ़ाई भी जारी रखी. इंटर में नामांकन लेने के बाद अखबार भी बांटने का काम करता था.
धीरे-धीरे मैंने अपने क्षेत्र का विस्तार किया. वर्ष 1996 में मेरी शादी रेखा राय से हुई. आमदनी बढ़ी, तो परिवार को रांची बुला लिया.’श्री राय ने बताया कि उनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा राउरकेला में एनआइटी में पढ़ रहा है और दूसरा डीएवी बरियातू में. अखबार बढ़ने के बाद धीरे-धीरे अन्य लोगों को भी रोजगार देना शुरू किया. आज मेरे लिए 14 लोग काम करते हैं. इतने वर्षों से कई मुहल्ले में अखबार बांटने के कारण लोगों के साथ संबंध बहुत अच्छा है.
क्षेत्र की समस्याओं को भलीभांति जानता भी हूं. इस कारण पिछली बार पार्षद का चुनाव भी लड़ा, लेकिन बहुत कम वोट से हार गया. इसके बाद भी मैं निराश नहीं हूं और लोगों की सेवा में लगा रहता हूं. श्री राय की इच्छा है कि हॉकरों को सरकार द्वारा चलायी जा रही स्वास्थ्य योजना का लाभ मिले, राशन कार्ड मिले, उनके लिए अलग से सरकार कॉलोनी बसाये आदि.

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