रांची : आरक्षण को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अब तक पालन नहीं हुआ रांची : राज्य में पिछड़ों के आरक्षण को 36 प्रतिशत करने की मांग को लेकर बुधवार को पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल द्राैपदी मुर्मू से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंप कर राज्यपाल से मांग की कि वर्ष 2002 में तत्कालीन कल्याण मंत्री अर्जुन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 3, 2019 8:51 AM
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अब तक पालन नहीं हुआ
रांची : राज्य में पिछड़ों के आरक्षण को 36 प्रतिशत करने की मांग को लेकर बुधवार को पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल द्राैपदी मुर्मू से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंप कर राज्यपाल से मांग की कि वर्ष 2002 में तत्कालीन कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने 73 प्रतिशत आरक्षण देने की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. लेकिन सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी.
हाइकोर्ट की संवैधानिक पीठ ने कहा था कि राज्य सरकार 50 प्रतिशत आरक्षण स्थायी करे तथा शेष 23 प्रतिशत एडहॉक करे. जब तक कि सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित मामले का फैसला नहीं हो जाता. सन 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया कि राज्य सरकार जनसंख्या के आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दे सकती है.
लेकिन अब तक राज्य में इस आदेश का पालन नहीं हुआ है. जबकि राज्य में ओबीसी की जनसंख्या 56 प्रतिशत है. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री सह प्रदेश अध्यक्ष लालचंद महतो, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार सोनी, गंगा प्रसाद शर्मा, उपेंद्र नारायण सिंह, अब्दुल खालिक, अनुज सिन्हा, सदन प्रजापति, सागर कुमार आदि उपस्थित थे.
36 प्रतिशत आरक्षण के बाद ही हो किसी प्रकार की बहाली : राज्यपाल से मुलाकात के बाद पूर्व मंत्री लालचंद महतो ने कहा कि जब तक राज्य में पिछड़ों का आरक्षण 36 प्रतिशत नहीं हो जाता है, तब तक सभी नियुक्तियों पर रोक लगनी चाहिए. क्योंकि जिस रफ्तार से नियुक्तियां हो रही हैं. हमें नहीं लगता है कि आनेवाले दिनों में कोई नौकरी बचेगी. इसलिए पहले आरक्षण तय हो. उसके बाद ही नियुक्तियां शुरू हों.

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