रांची : सीसीएल कमांड एरिया के बीपीएल का होगा सर्वे
रांची : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा है कि कंपनी के कमांड एरिया में पड़नेवाले सभी बीपीएल को चिह्नित किया जायेगा. इनकी सूची बनायी जायेगी. इनको कंपनी अपने स्तर से बीपीएल सूची से बाहर लाने का प्रयास करेगा. 2019 में यह कंपनी की प्राथमिकता होगी. कंपनी कोशिश करेगी कि कमांड एरिया में रहने […]
रांची : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा है कि कंपनी के कमांड एरिया में पड़नेवाले सभी बीपीएल को चिह्नित किया जायेगा. इनकी सूची बनायी जायेगी. इनको कंपनी अपने स्तर से बीपीएल सूची से बाहर लाने का प्रयास करेगा. 2019 में यह कंपनी की प्राथमिकता होगी.
कंपनी कोशिश करेगी कि कमांड एरिया में रहने वाले लोगों की कमाई बढ़े. इसके लिए कंपनी क्या कर सकती है, इसकी समीक्षा की जायेगी. श्री सिंह एक जनवरी को विचारमंच मुख्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे. श्री सिंह ने कहा कि मुख्यालय में करीब 1200 कर्मी काम करते हैं.
सभी कर्मी और अधिकारियों की 50-50 लोगों की एक टीम बनायी जायेगी. टीम को कंपनी में कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया जायेगा. इनको कहा जायेगा कि नये आइडिया कंपनी को दें. इनके लिए समय-समय पर सेमिनार का आयोजन भी किया जायेगा. कंपनी चाहती है कि सभी लोगों का एक तरह विकास हो.
दिसंबर में 17 फीसदी विकास दर : कंपनी के सीएमडी श्री सिंह ने कहा कि उत्पादन के क्षेत्र में अच्छा काम हो रहा है. दिसंबर माह में कंपनी ने कुल 17 फीसदी का विकास दर प्राप्त किया है.
चालू वित्तीय वर्ष का विकास दर करीब 12 फीसदी है. सीसीएल का विकास झारखंड के सकारात्मक पहलू को दिखाता है. 2012-13 में सीसीएल 48 से 50 मिलियन उत्पादन के बीच झूल रहा था. लगता था कि कंपनी बंद हो जायेगी. अब स्थिति बदल गयी है. सीसीएल 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने के लक्ष्य की ओर है. आनेवाले एक-दो साल में कंपनी इस लक्ष्य तक भी पहुंच जायेगी. कंपनी उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास कर रही है.
चोरी रोकने के लिए हरसंभव प्रयास
श्री सिंह ने कहा कि कोयला चोरी रोकने के लिए कंपनी कई स्तर पर काम कर रही है.नयी-नयी तकनीक के माध्यम से कोयला उत्पादन और संचालन पर नजर रखी जा रही है. अगर इस मामले में कोई शिकायत मिलती है, तो उस पर नजर रखी जाती है. कमियों को दूर करने का प्रयास हमेशा चलता रहता है. मौके पर कंपनी के निदेशक कार्मिक आरएस महापात्र, निदेशक वित्त डीके घोष, सीवीओ एके श्रीवास्तव भी मौजूद थे.