रांची : एसएसपी ने किया डोरंडा थाना का औचक निरीक्षण

एसएससी को क्यों दिया गया शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति का अधिकार : हाइकोर्ट रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मचारियों (तृतीय व चतुर्थवर्गीय) की नियुक्ति के अधिकार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 21, 2018 9:04 AM
एसएससी को क्यों दिया गया शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति का अधिकार : हाइकोर्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मचारियों (तृतीय व चतुर्थवर्गीय) की नियुक्ति के अधिकार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति का अधिकार कुलपति से लेकर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को क्यों दिया गया. यह भी कहा कि नये नियमों के तहत यदि किसी प्रकार की नियुक्ति की जाती है, तो वह इस मामले के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी. सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी 2019 को होगी.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता रूपेश सिंह ने खंडपीठ को बताया गया कि झारखंड विश्वविद्यालय कानून में विश्वविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मियों (लिपिक व अन्य) की नियुक्ति का अधिकार कुलपति के पास है, लेकिन सरकार ने विवि कानून में बदलाव किये बिना नियुक्ति का अधिकार झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को दे दिया है.
सरकार के उक्त आदेश को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने की मांग की गयी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अर्जुन राम ने याचिका दायर कर सरकार के आदेश को चुनाैती दी है. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्गत अधिसूचना संख्या- 2148, दिनांक 6.11. 2015 को निरस्त करने की मांग की है.

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