झारखंड हाइकोर्ट ने कहा, …तो रोक देंगे समाज कल्याण विभाग के सचिव का वेतन

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिये हैं कि वह अविलंब रिमांड होम एवं बाल आश्रय गृहों में सभी तरह के रिक्त पदों पर नियुक्तियां सुनिश्चित करें.ऐसा नहीं करने पर न्यायालय समाज कल्याण विभाग के सचिव का वेतन भुगतान रोक सकता है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 2, 2018 1:50 PM

रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिये हैं कि वह अविलंब रिमांड होम एवं बाल आश्रय गृहों में सभी तरह के रिक्त पदों पर नियुक्तियां सुनिश्चित करें.ऐसा नहीं करने पर न्यायालय समाज कल्याण विभाग के सचिव का वेतन भुगतान रोक सकता है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार गुप्ता की पीठ ने इस आशय का निर्देश राज्य सरकार को देते हुए न्यायालय के समक्ष हलफनामा दाखिल करने को कहा है. मामले की सुनवाई अगले माह फिर होगी.

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हाइकोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया था. इस मामले में दूसरा याचिकाकर्ता ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ है, जिसकी ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अनूप अग्रवाल ने कहा कि राज्य में रिमांड गृहों की स्थिति ठीक नहीं है और बच्चे वहां बहुत बुरी स्थिति में रहने को मजबूर हैं.

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बाल संरक्षण गृहों एवं बाल आश्रय गृहों में विरले ही कोई चिकित्सक जाता है. कोर्ट ने सरकार को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करकोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिये. रांची में मदर टेरेसा की संस्था निर्मल हृदय बाल आश्रय गृह से बच्चों को बेचने की जानकारी जून में सामने आयी थी. इसके बाद से सरकार पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.

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