Jharkhand : हेमंत का सरकार पर बड़ा आरोप, अधिकारियों की मदद से फर्जी वोटिंग करा रही है सरकार

रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार और रांची जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार एक रणनीति के तहत मतदाताओं को मतदान केंद्र से दूर रखा है. दूसरी तरफ, फर्जी वोटर तेजी से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 16, 2018 1:22 PM

रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार और रांची जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार एक रणनीति के तहत मतदाताओं को मतदान केंद्र से दूर रखा है. दूसरी तरफ, फर्जी वोटर तेजी से मतदान कर रहे हैं. हेमंत ने कहा कि उन्होंने पहले ही चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि भाजपा ने बड़े पैमाने पर फर्जी वोटर बनाये हैं. अब जबकि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो यह साबित हो गया है कि उनके आरोप बेबुनियाद नहीं थे. हेमंत ने कहा कि इस मुद्दे पर वह सरकार के साथ दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है. नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के बाद हेमंत के तेवर देखकर अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गये. जिला प्रशासन ने कुछ ही देर में उन्हें बताया कि वे अब वार्ड सं. 25 के मतदाता हैं और बूथ संख्या 10 पर जाकर उन्हें मतदान करना है. बाद में हेमंत सोरेन ने एचइसी स्थित कल्याण विकास समिति कार्यालय में बने मतदान केंद्र पर जाकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

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दरअसल, झामुमो नेता हेमंत सोरेन अपनी पत्नी के साथ संत फ्रांसिस स्कूल के मतदान केंद्र पर वोट देने पहुंचे थे. यहां वह 10 मिनट तक बूथ दर बूथ घूमे, लेकिन उनका नाम किसी बूथ पर नहीं मिला. उन्होंने रांची के उपायुक्त से बात की, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ. इसके बाद हेमंत सोरेन ने मीडिया से बातचीत में सरकार और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाये.

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उन्होंने कहा कि वह अब तक संत फ्रांसिस स्कूल में मतदान करते रहे हैं. अब तक वह जिस बूथ पर वोट डालते थे, पर्ची में वही नाम दर्शा रहा है. लेकिन, जब वहां पहुंचे, तो मतदातासूची में उनका नाम ही नहीं है. उन्होंने कहा कि परिसीमन में गड़बड़ी की आशंका उन्हें पहले से ही थी, जो अब सच साबित हो गयी है. उन्होंने कहा कि वह अकेले परेशान नहीं हैं, आम लोग भी बेहद परेशान हैं. लोग सड़कों पर इधर से उधर अपना बूथ और मतदाता सूची में अपना नाम खोज रहे हैं. हेमंत सोरेन ने इस स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

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