झारखंड : नहीं चला सदन, आज हो सकता है अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, जानें सदन में क्या हुआ सोमवार को

रांची : मुख्य सचिव, डीजीपी और एडीजी पर कार्रवाई की मांग को लेकर विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को भी नहीं चली. नोक-झाेंक और हंगामे के बीच मात्र 48 मिनट ही सदन चल पाया. गतिरोध बरकरार है. विपक्ष जेपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती में आरक्षण का पालन नहीं किये जाने पर विशेष बहस की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 30, 2018 5:56 AM
रांची : मुख्य सचिव, डीजीपी और एडीजी पर कार्रवाई की मांग को लेकर विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को भी नहीं चली. नोक-झाेंक और हंगामे के बीच मात्र 48 मिनट ही सदन चल पाया. गतिरोध बरकरार है. विपक्ष जेपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती में आरक्षण का पालन नहीं किये जाने पर विशेष बहस की मांग पर अड़ा रहा. वेल में घुस कर नारेबाजी की.
हंगामे के कारण कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी. वहीं, सत्ता पक्ष का कहना था कि विपक्ष के दबाव में अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो सकती है. विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने को लेकर तीन बार कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई. इसमें भी कोई रास्ता नहीं निकला. द्वितीय पाली में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में बहुमत से फैसला लिया गया कि मंगलवार के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी जाये.
बैठक के फैसले पर सदन से मंजूरी भी ले ली गयी है. सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने प्रस्ताव लाते हुए कार्यमंत्रणा समिति के निर्णय की जानकारी दी. अब सरकार मंगलवार को वित्तीय कार्य निबटा लेगी. गोलोटिन के माध्यम से सारे विभागों का बजट पास करा लिया जायेगा. विनियोग विधेयक और विभागों के अनुदान मांग पर चर्चा के साथ वोटिंग करा ली जायेगी़.
विपक्ष : मुख्य सचिव, डीजीपी व एडीजी पर कार्रवाई पर अड़ा, विशेष बहस की मांग
सत्ता पक्ष : विपक्ष के दबाव में अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो सकती
सात दिन बचे थे कार्य दिवस
विधानसभा का सत्र सात फरवरी तक चलना था. मंगलवार के बाद सदन की कार्यवाही नहीं चली, तो सात दिन पहले ही सत्रावसान हो जायेगा. सत्र में बजट पर बहस से लेकर जरूरी विधेयकों पर चर्चा होनी थी़ मुख्यमंत्री प्रश्नकाल भी था़ पर कुछ नहीं हो सका.
सदन में क्या हुआ सोमवार को
स्पीकर हुए नाराज
सदन में गतिरोध देख स्पीकर दिनेश उरांव नाराज हो गये और कहा : यह तरीका सही नहीं है. कुछ सदस्य सदन को हाइजैक करना चाहते हैं या चलने नहीं देना चाहते हैं. यह तय कर लें िक क्या करना है. झारखंड की जो स्थिति है, पूरा देश देख रहा है. झारखंड ही ऐसी विधानसभा होगी, जो एक दिन नहीं चल रही.
हेमंत ने उठाये सवाल
प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि सदन को मजाक बना दिया गया है. हमसे परेशानी है, तो कार्रवाई कर दें. सदस्यता रद्द कर दें. सस्पेंड कर दें. आप सदन को एकतरफा चला रहे है़ं. इस पर स्पीकर ने कहा : जोर जबरदस्ती से कार्रवाई नहीं होती है. आप कार्रवाई के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं.
प्रतिपक्ष के नेता के बयान पर सदन में सत्ता पक्ष के विधायकों ने विरोध किया. गतिरोध को लेकर झाविमो विधायक प्रदीप यादव, सत्ता पक्ष के राधाकृष्ण किशोर ने अपनी बातें रखीं.

Next Article

Exit mobile version