झारखंड : ”आधार” की असफलता का उदाहरण बन रहा है झारखंड

आधार के कारण अधिकारों से वंचित हो रहे हैं लोग रांची : अर्थशास्त्री प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि झारखंड को आधार की सफलता का उदाहरण बनना चाहिए था, पर यह असफलता का उदाहरण बन रहा है़ सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में आधार को अनिवार्य करने से हाशिये पर रहने वाले व्यापक पैमाने पर भोजन व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2018 8:01 AM
आधार के कारण अधिकारों से वंचित हो रहे हैं लोग
रांची : अर्थशास्त्री प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि झारखंड को आधार की सफलता का उदाहरण बनना चाहिए था, पर यह असफलता का उदाहरण बन रहा है़ सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में आधार को अनिवार्य करने से हाशिये पर रहने वाले व्यापक पैमाने पर भोजन व पेंशन के अधिकार से वंचित हो रहे है़ं लेकिन सरकार लगातार इनसे संबंधित सबूतों को नजरअंदाज कर रही है.
यूआइडीएआइ में भी लोगों के अधिकारों का आधार के कारण हो रहे उल्लंघन पर किसी प्रकार की कार्रवाई की मंशा नहीं दिखती. आधार के कारण लोग जो अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं, उसे जनता, संसद व सर्वोच्च न्यायालय को ‘फर्जी लाभुक’ व आधार के कारण हुई सरकारी राशि की ‘बचत’ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. कई जगहों पर औसतन 20 फीसदी लोगों को मुख्यत: आधार के कारण राशन नहीं मिलता़ वे एक्सआइएसएस सभाकक्ष में सोमवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.
गरीबों के हित में नहीं है आधार की अनिवार्यता : फादर स्टेन स्वामी ने कहा कि आधार की अनिवार्यता मानवाधिकार व संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है़ यह गरीबों के हित में नहीं.
पेसा कानून के तहत ग्रामसभा को लाभुक चुनने का अधिकार है़ सरकार यह लाभ कैसे रद्द कर सकती है? धीरज कुमार ने कहा कि आधार का आदेश अघोषित रूप से लागू है़ झारखंड में 11़ 5 लाख राशन कार्ड रद्द किये गये हैं, औसतन छह हजारप्रतिदिन की दर से़ दूसरी ओर पिछले 90 दिनों में औसतन 80 राशन कार्ड प्रतिदिन की दर से मात्र 5380 राशन कार्ड ही बने है़
इस दर से रद्द राशन कार्ड बनाने में एक दशक से ज्यादा समय लग जायेगा़ आधार की संरचना में भी खामी है़ जाे आखिरी बैंक एकाउंट इससे लिंक होता है, पैसे उसमें चले जाते है़
खूंटी व पश्चिमी सिंहभूम के बोराम में एेसे छह हजार से अधिक मामले सामने आये हैं, जब पैसे निर्धारित बैंक की जगह निजी बैंक खाते में चले गये़ अशर्फी नंद प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस विषय पर 17 जनवरी को अंतिम सुनवाई शुरू हो रही है़ कोर्ट इन मुद्दों का संज्ञान ले़ कार्यक्रम को सिराज दत्ता ने भी संबोधित किया़

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