नक्सलियों की अब खैर नहीं, दूसरे राज्यों की सीमा में घुसकर कार्रवाई करेगी पुलिस, पांच राज्यों के पुलिस प्रमुखों की बैठक में बनी सहमति

रांची : नक्सल प्रभावित राज्यों के नक्सली अब सीमा (बोर्डर एरिया) का लाभ नहीं उठा पायेंगे. उनके खिलाफ एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य की सीमा में घुसकर उनका खात्मा कर सकेगी. पांच राज्यों के वरीय पुलिस अफसरों और सीआरपीएफ के अफसरों के साथ सोमवार को पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में यह सहमति बनी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 17, 2017 7:29 AM
रांची : नक्सल प्रभावित राज्यों के नक्सली अब सीमा (बोर्डर एरिया) का लाभ नहीं उठा पायेंगे. उनके खिलाफ एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य की सीमा में घुसकर उनका खात्मा कर सकेगी. पांच राज्यों के वरीय पुलिस अफसरों और सीआरपीएफ के अफसरों के साथ सोमवार को पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में यह सहमति बनी है. यह जानकारी प्रदेश के डीजीपी डीके पांडेय ने दी. उन्होंने बताया कि झारखंड में जब नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज होता था, तो वे बोर्डर एरिया का लाभ उठाकर दूसरे राज्य की सीमा में प्रवेश कर जाते थे.

भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के विरोध में 25 फरवरी को झारखंड में चक्का जाम

हमलोग सीमा क्षेत्र के कारण कुछ नहीं कर पाते थे. दूसरे राज्यों के साथ भी यह परेशानी आती थी. अब आपसी समन्वय से इस परेशानी को दूर करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही नक्सलियों के खिलाफ ज्वाइंट टास्क फोर्स बनाकर कड़ी कार्रवाई करने पर भी बातचीत हुई है. बैठक में झारखंड के अलावा बिहार, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल के एडीजी और आइजी रैंक के अधिकारी शामिल हुए.

इनके अलावा सीआरपीएफ के जोन एडीजी कुलदीप सिंह, झारखंड रेंज के आइजी संजय आनंद लाठकर, एडीजी अभियान आरके मल्लिक, अनुराग गुप्ता, अजय कुमार सिंह, आइजी मुरारी लाल मीणा, सुमन गुप्ता, एसटीएफ एसपी शिवानी तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

देश के लिए खतरा बनता जा रहा है PFI, सरकार करेगी बैन, सोशल मीडिया के जरिये भड़काता है युवाओं को

संगठित अपराध, साइबर क्राइम आैर मानव तस्करी पर कार्रवाई के लिए भी मिला साथ : डीजीपी ने कहा कि नक्सल के अलावा संगठित अपराध, साइबर क्राइम आैर मानव तस्करी के खिलाफ भी पांचों राज्य मिलकर कार्रवाई करेंगे. इस पर भी सहमति बनी है. हर राज्य में समन्वय के लिए एक नोडल अफसर बनाये जायेंगे. डीजीपी के स्तर पर भी मॉनिटरिंग की जायेगी. हर माह सीमा क्षेत्र के जिलों के थानेदार से डीएसपी रैंक के अफसर एक बार बैठक कर रणनीति और सूचनाआें का आदान-प्रदान करेंगे. साइबर क्राइम के खात्मे के लिए सभी राज्य एक प्लेटफार्म पर आयेंगे. इसके लिए सी-डैक और सीडीआरसी के जरिये सभी राज्य अटैच होंगे. आइजी और एसपी रैंक के अफसर समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे.

राज्यपाल से मिला झाविमो का प्रतिनिधिमंडल, शाह ब्रदर्स मामले की सीबीआई जांच की मांग की

एक राज्य के पुलिसकर्मी दूसरे राज्य में ले सकेंगे प्रशिक्षण : बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी है कि एक राज्य के पुलिसकर्मी दूसरे राज्यों में जाकर प्रशिक्षण ले सकेंगे. इससे फायदा यह होगा कि वे एक-दूसरे के लड़ाई लड़ने के तरीकों से वाकिफ होंगे. एक-दूसरे की क्षमता से रूबरू होंगे. इसका लाभ यह होगा कि जब ज्वाइंट फोर्स के तौर पर वे किसी अभियान में भाग लेंगे, तो समन्वय में कोई परेशानी नहीं होगी.

बैठक में पहली बार प्रवतर्न निदेशालय भी हुए शामिल

इस बैठक में पहली बार प्रवतर्न निदेशालय को भी शामिल किया गया. जिसका प्रतिनिधित्व श्री सुबोध कुमार, उप-निदेशक, उप-क्षेत्रीय कार्यालय, राँची ने किया. बैठक में नक्सली व अन्‍य अपराधिक गतिविधियों से अर्जित अवैध धन को प्रवर्तन निदेशालय से धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत जब्त करने का अनुरोध किया गया. जिस पर उपयुक्त मामलों में समुचित अन्वेषण के उपरांत आवश्‍यक कार्यवाही का निर्णय लिया गया.
ज्ञात हो कि इस मुद्दे पर विगत शुक्रवार को ही पुलिस महानिदेशक, झारखंड के साथ प्रवर्तन निदेशालय, राँची के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई थी जिसमें अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अलावा झारखंड के सभी जिलों में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के द्वारा शामिल हुए थे. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इस बैठक में श्री देवेंद्र कुमार गुप्ता, विशेष निदेशक, नई दिल्ली, श्री संजय लवानिया, संयुक्त निदेशक, नई दिल्ली, श्री सुबोध कुमार, उप निदेशक, राँची एवं श्री विद्युत विकास, उप निदेशक, पटना शामिल थे. प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा धनशोधन निवारण अधिनियम के अहम पहलुओं से पुलिस को अवगत कराया गया एवं उचित मामलों में इस अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही का निर्णय लिया गया.

Next Article

Exit mobile version