शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में ग्रामीणों की भी होगी महत्वपूर्ण भूमिका : सचिव

रांची: पेयजल स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि झारखंड पहला राज्य है, जहां लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पंचायती राज संस्थाओं की मदद ली जा रही है. इसमें लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संस्था के प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जा रहा है. इस कारण लोगों को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2017 7:06 AM

रांची: पेयजल स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि झारखंड पहला राज्य है, जहां लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पंचायती राज संस्थाओं की मदद ली जा रही है. इसमें लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संस्था के प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जा रहा है. इस कारण लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में ग्रामीणों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.

श्री सिंह मंगलवार को कांके स्थित विश्वा सभागार में नीर निर्मल परियोजना से जुड़े मास्टर 16 प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई द्वारा आयोजित उक्त प्रशिक्षण सात दिनों तक चलेगा. इस विषय के विशेषज्ञ श्रीकांत नावेरकर ने स्वच्छ पेयजल के महत्व की जानकारी दी. यूनिसेफ के कुमार प्रेमचंद ने बताया कि स्वच्छ पेयजल के लिए लोगों की भागीदारी जरूरी है. धन्यवाद ज्ञापन डॉ एकता गौड़ ने किया.

क्या है नीर निर्मल परियोजना : यह योजना राज्य के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, दुमका, पलामू व गढ़वा में चल रही है. इसके तहत पहले चरण में 199 एकल तथा दो बहुउद्देश्यीय ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना का निर्माण किया जाना है. इसमें से 128 एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं पूर्ण हो चुकीं हैं. शेष योजनाओं का काम प्रगति पर है. इसमें भारत सरकार और विश्व बैंक सहयोग कर रहा है.

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