बर्डमैन पन्नालाल ने विलुप्त पक्षी पेंटेड व रेड स्परफॉल को शिकारियों के हाथ से बचायी जान

रामगढ़ जिला के दोहाकातू जंगल में बिरहोर परिवार के कुछ लोग पक्षियों का शिकार कर रहे थे. इस दौरान दो विलुप्त पक्षी पेंटेड स्परफॉल व रेड स्परफॉल को पकड़ा गया. इसकी सूचना जब कुंदरु सरैया निवासी बर्डमैन पन्नालाल को मिली, तो उन्होंने अविलंब अपने दोस्तों को घटनास्थल भेज कर पक्षियों को अपने कब्जा में करवाया.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 29, 2020 9:54 PM

चितरपुर (रामगढ़) : रामगढ़ जिला के दोहाकातू जंगल में बिरहोर परिवार के कुछ लोग पक्षियों का शिकार कर रहे थे. इस दौरान दो विलुप्त पक्षी पेंटेड स्परफॉल व रेड स्परफॉल को पकड़ा गया. इसकी सूचना जब कुंदरु सरैया निवासी बर्डमैन पन्नालाल को मिली, तो उन्होंने अविलंब अपने दोस्तों को घटनास्थल भेज कर पक्षियों को अपने कब्जा में करवाया. साथ ही उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दी. इन दोनों पक्षियों को जल्द ही बिरसा जैविक उद्यान में छोड़ दिया जायेगा.

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बर्डमैन पन्नालाल ने बताया कि झारखंड में इसकी दो प्रजाति पायी जाती है, जो विलुप्त हो गयी है. लेकिन, लॉकडाउन के कारण इन दिनों ये पक्षी जंगल में विचरण कर रहे हैं. यह तीतर प्रजाति की पक्षी है, जो मुर्गी और तीतर के बीच के रूप की बतायी जाती है. जिसे अंग्रेजी में पेंटेड स्परफॉल व रेड स्परफॉल कहा जाता है. इसके गर्दन, पीठ और पेट में चमकीले पंख होते हैं. इसकी पूंछ तीतर की तरह होती है. इसके पंखों का फैलाव 14 से 16 सेंटीमीटर होता है. इसका वजन 240 से 300 ग्राम तक होता है.

ये पक्षी सभी प्रकार के छोटे कीड़े- मकोड़े खाने को आदी होते हैं. इन्हें महुआ भी काफी लुभाता है. इनका आवास क्षेत्र गंगा, यमुना और सिंधु नदियों से लेकर पूरे दक्षिण भारत तक फैला है. इसका प्रजनन स्थान चट्टानों के बीच देखा गया है. यह पक्षी एक बार में 6 से 8 अंडे देती है. इसके बच्चे का मुख्य आहार दीमक होता है.

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घायल हो गये हैं पक्षी

बर्डमैन ने बताया कि जब इन पक्षियों को पकड़ा गया, तो वे घायल हो गये. इसकी सूचना वन विभाग को दी गयी है. पक्षियों का इलाज कर बिरसा जैविक उद्यान में छोड़ दिया जायेगा. पन्नालाल ने बताया कि पशु व पक्षियों की संरक्षण में बीआईटी मेसरा के छात्र ओमप्रकाश कुमार व प्रकाश कुमार, रमेश स्नेकसेवर व रांची के सुनील कुमार भी जुटे हुए हैं.

Posted By : Samir ranjan.

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