पीवीयूएनएल ने समाप्त की 60 मजदूरों की सेवा, बढ़ा आक्रोश

पतरातू : पीवीयूएनएल प्रबंधन ने 60 ठेका मजदूरों की सेवा को स्थायी रूप से समाप्त कर दिया है. यह मजदूर कटिया व हेसला पंचायत के हैं. मजदूरों की सेवा समाप्त होने के बाद यहां प्रबंधन के खिलाफ गहरा आक्रोश है. मजदूर व ग्रामीण आंदोलन की तैयारी में लगे हैं. प्रबंधन के इस फैसले के बाद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 29, 2019 12:31 AM

पतरातू : पीवीयूएनएल प्रबंधन ने 60 ठेका मजदूरों की सेवा को स्थायी रूप से समाप्त कर दिया है. यह मजदूर कटिया व हेसला पंचायत के हैं. मजदूरों की सेवा समाप्त होने के बाद यहां प्रबंधन के खिलाफ गहरा आक्रोश है. मजदूर व ग्रामीण आंदोलन की तैयारी में लगे हैं. प्रबंधन के इस फैसले के बाद मंगलवार को पीवीयूएनएल गेट के समक्ष बैठक में मजदूरों ने अपनी भावना से विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों को अवगत कराया.

मजदूरों ने बताया कि 20 नवंबर 2018 को पीवीयूएनएल प्रबंधन व भेल प्रबंधन के साथ सांसद जयंत सिन्हा व झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी की मौजूदगी में वार्ता हुई थी. इसमें 60 मजदूरों को काम पर रखने को लेकर सहमति बन गयी थी. लेकिन सात महीने बीत जाने के बाद भी मजदूरों को काम पर रखने के बजाय उनकी सेवा को समाप्त कर दिया जाना अन्याय है. मजदूर पूरी तरह बेरोजगार हो गये हैं. मजदूरों ने बताया कि मामले पर एचआर प्रमुख पीके विश्वास से भी मुलाकात की गयी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

बैठक में कहा कि प्रबंधन का इस तरह का रवैया दर्शाता है कि कंपनी को मजदूरों व क्षेत्र के लोगों से कोई सरोकार नहीं है. वह जैसे-तैसे सिर्फ अपना काम निकालना चाहती है. बैठक में विस्थापित प्रतिनिधियों ने तय किया कि मामले को प्रबंधन ने शीघ्र नहीं सुलझाया, तो दो जून को बैठक कर आंदोलन की घोषणा कर दी जायेगी. बैठक में मोर्चा के अध्यक्ष आदित्यनारायण प्रसाद, कुमेल उरांव, प्रदीप महतो, कयूम अंसारी, मो अलीम, सुजीत सिंह, अनिकेत सोनी, भगवान सिंह, सुखदेव साव, मंटू अग्रवाल, सूरज मुंडा, नेपाल प्रजापति, हरि सिंह, कृष्णा मुंडा, राजकुमार मुंडा, सुनील मुंडा, परमेश्वर महतो, शैलेंद्र बेसरा, संजय प्रसाद, नरेश पाहन, अरविंद साव, जॉन मुंडा आदि मौजूद थे.

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