जल संकट से जूझ रहे हैं तीन पंचायत के लोग

नदी, तालाब, कुएं सूखे. खेती पर भी संकट. उरीमारी : बड़कागांव प्रखंड की तीन पंचायत उरीमारी, गरसुल्ला व पोटंगा पंचायत के लोग भीषण गर्मी में जल संकट का सामना कर रहे हैं. इन तीनों पंचायतों के अलावा आसपास के कई और पंचायत हैं, जहां पानी संकट की स्थिति विद्यमान है. इस क्षेत्र से होकर गुजरने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2019 12:52 AM

नदी, तालाब, कुएं सूखे. खेती पर भी संकट.

उरीमारी : बड़कागांव प्रखंड की तीन पंचायत उरीमारी, गरसुल्ला व पोटंगा पंचायत के लोग भीषण गर्मी में जल संकट का सामना कर रहे हैं. इन तीनों पंचायतों के अलावा आसपास के कई और पंचायत हैं, जहां पानी संकट की स्थिति विद्यमान है. इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाली दामोदर नद लगभग सूख चुका है. इसका सीधा असर आसपास के वैकल्पिक जल स्रोत पर भी पड़ा है. नद सूखने के कारण पास के नाले, कुएं व चापानल भी सूख गये हैं. लोगों को जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है. दामोदर नद के आसपास रहने वाले लोग नदी में चुआं बना कर पीने के पानी का इंतजाम कर रहे हैं.
उक्त पंचायतों में कई चापानल मामूली खराबी के कारण बेकार पड़े हैं. जो चालू हालात में हैं, वह भी हांफ रहे हैं. ऐसे में इस भीषण गर्मी के मौसम में आनेवाले दिनों में लोगों की मुश्किलें और बढ़नी तय है. उरीमारी व पोटंगा पंचायत सीसीएल क्षेत्र में पड़ता है, लेकिन सीसीएल की ओर से भी जलापूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है. सीसीएल का टैंकर गांवों तक नहीं पहुंच रहा है. पानी की समस्या के कारण सबसे ज्यादा परेशानी घर की महिलाओं के उठानी पड़ रही है. महिलाएं लंबी दूरी तय कर पानी ढोने को विवश हैं. जल संकट के कारण इन पंचायतों के ग्रामीण क्षेत्र में खेती भी प्रभावित है.
खेतों की सिंचाई नहीं होने से किसान चिंतित हैं. हालांकि, सरकार की ओर से क्षेत्र से लगभग चार करोड़ की लागत से जलमीनार की योजना को धरातल पर उतारा गया है. पोटंगा में इस जलमीनार का निर्माण कार्य चल रहा है. पोटंगा में फिल्टर प्लांट बन रहा है. इस जलमीनार के चालू होने के बाद क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान काफी हद तक हो जाने की उम्मीद है. बताया जाता है कि इस योजना के पूरा होने में लगभग दो साल का समय और लग सकता है, लेकिन तब तक लोगों को जल संकट से दो-चार होने की मजबूरी है.

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