प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना व अच्छी आमदनी को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी ये सलाह

पलामू के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी के सह निदेशक डॉ डीएन सिंह ने किसानों को मड़ुआ, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की खेती कम पानी में संभव हो पाती है. इससे पशुओं को भी चारा मिल पाता है.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2022 12:31 PM

Jharkhand News: पलामू के मेदिनीनगर में केंद्रीय संचार ब्यूरो, डालटनगंज एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं फिट इंडिया पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश कुमार मांझी ने कहा कि कृषि कार्य में तकनीक आवश्यक है. इसके जरिए वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने से किसानों को फायदा होगा. किसानों को उचित सलाह देने के लिए वैज्ञानिक भी उपलब्ध हैं. पलामू कम बारिश वाला क्षेत्र है. ऐसे में टपक सिंचाई से फसलों से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है. इसके लिए सरकार से अनुदान भी दिए जाते हैं.   

किसान खेती के लिए वैज्ञानिकों से लें परामर्श

पलामू के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी के सह निदेशक डॉ डीएन सिंह ने किसानों को मड़ुआ, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की खेती कम पानी में संभव हो पाती है. इससे पशुओं को भी चारा मिल पाता है. पशुपालन भी आर्थिक आमदनी का बेहतर जरिया है. बकरी पालन तो यहां के पशुपालकों के लिए एटीएम की तरह है. उन्होंने इंट्रीग्रेटेड फार्मिंग करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि कृषि कार्य के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा सलाह दिये जाते हैं. इसका पालन करें, तो किसान कृषि कार्य में बेहतर कर पाएंगे. इससे पूर्व क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी गौरव पुष्कर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से किसानों में समृद्धि आएगी.

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कृषि वैज्ञानिकों ने दिए कई सुझाव 

क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार ने परंपरागत खेती से अलग हटकर तकनीक आधारित खेती करने की सलाह दी. कृषि विज्ञान केन्द्र के उद्यान विशेषज्ञ डॉ रमेश कुमार ने कहा कि किसानों को अपनी खेती में बदलाव करना होगा.‌ उन्होंने प्राकृतिक खेती के लिए भी किसानों को प्रेरित किया. इसमें कोई केमिकल की आवश्यकता नहीं होती है. कृषि विज्ञान केंद्र पलामू के वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि खेती से किसानों की आमदनी बढ़ेगी, तो उनका रुझान भी बढ़ेगा. 

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किसानों के लिए प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता का आयोजन

विशेष जागरूकता कार्यक्रम के तहत किसानों के बीच प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. सही उत्तर देने वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम का संचालन केन्द्रीय संचार ब्यूरो, डालटनगंज के सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी मनोज कुमार ने किया.

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रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू 

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