मेदिनीनगर. अहले हदिश जामा मस्जिद की जानिब से शहर के मुस्लिम नगर में जलसा का आयोजन हुआ. इसमें बाहर से आये उलेमा ने तकरीर की. हाफिज नुरुल्लाह सल्फी के कुरआन-ए- पाक की तिलावत से जलसा का आगाज हुआ. कार्यक्रम का संचालन शहबाज सल्फी ने किया. वाराणसी से पधारे अहले हदिश के विद्वान प्रवक्ता डा अब्दुल गफ्फार सल्फी ने इस्लाम के सिद्धांतों को अपनाने व इंसान बनने की जरूरत बतायी. उन्होंने कहा कि बुराइयों का त्याग कर अच्छाई को ग्रहण कर इंसान बना जा सकता है. अच्छाई के रास्ते पर चलने से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है. इसलिए मनुष्य को हमेशा गलत कार्यों से परहेज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म के मुताबिक शराब सेवन, जुआ खेलने, चोरी, लूट, दुष्कर्म, बेवजह किसी को परेशान करना जैसे अनैतिक कार्यों से परहेज करना चाहिए. व्यक्ति को ऐसा काम करना चाहिए, जिससे समाज को लाभ हो और इस्लाम के अनुसार जन्नत मिल सके. उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने की दिशा में भी सार्थक प्रयास करने की जरूरत बतायी. वाराणसी मरकजी दारुल उलूम जामिया के अब्दुल्लाह जुबैर सल्फी ने समाज के लोगों को इस्लाम के सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात करने की जरूरत बतायी. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि दीन ए इस्लाम की राह पर दृढ़तापूर्वक चलने से ही व्यक्ति व समाज का भला होगा. इस्लाम के सिद्धांतों के आधार पर जिंदगी गुजारना चाहिए. इससे जीवन में आनेवाली सारी परेशानियां दूर हो जायेगी. उन्होंने बच्चों के अच्छे तालीम देने पर जोर दिया. कहा कि अपने बच्चों को शिक्षा के माध्यम से ही जीवन सुधरता है और सामाजिक परिवेश में बदलाव आयेगा. इसलिए बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ स्कूली शिक्षा भी देना चाहिए. मौके पर संस्था के अध्यक्ष रूमी अनवर खान, सचिव फराज मकसूद, सरपरस्त अख्तर जमा खान, औरंगजेब खान, जेया खान सहित काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद थे.
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