प्रतिनिधि, चैनपुर किसी क्षेत्र का विकास का आइना सड़क होती है. सरकार सड़कों का निर्माण तो करा रही है. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण सड़क अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पा रही है. सड़क संकीर्ण होने के कारण वाहन चालक व राहगीरों को आवागमन में परेशानी हो रही है. प्रतिदिन लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे है. प्रखंड क्षेत्र में 2014-15 में पीडब्लूडी विभाग द्वारा तीन प्रमुख लंबी सडकों का निर्माण कराया गया था. इसमें शाहपुर तिलदाग भाया बुढीबीर करीब 28 किलोमीटर, चैनपुर से हुटार तक 32 किलोमीटर और गांधीपुर से नरसिंहपुर पथरा, लिधकी, बोकेया, पूर्वडीहा होते हुए पुनः गांधीपुर तक पथ करीब 30 किलोमीटर है. इन तीनों सडकों का निर्माण लगभग 500 करोड की लागत से बनायी गयी थी. सड़क की चौड़ाई 33 फीट थी. इन सड़कों का निर्माण तो करा दिया गया. लेकिन करीब 10 वर्ष बाद भी सड़क किनारे दर्जनों ऐसे गांव हैं, जहां सड़क के दोनों किनारे पक्की सड़क से सटा हुआ मकान है. सड़कों के दोनों तरफ सटे घर होने के कारण सड़क पर चलने वालों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. दुर्घटना की संभावना हर वक्त बनी रहती है. कई बार तो बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी है. स्थानीय ग्रामीणों ने पलामू डीसी से सड़क से अतिक्रमण हटवाने का मांग किया है, ताकि आवागमन के दौरान वाहन चालकों व राहगीरों को इस समस्या से निजात मिल सके. कहा कि बरसात के मौसम में सड़क खराब होने से आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. खासकर स्कूली बच्चों को.
सड़क से सटे घर होने के कारण घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क पर ही बहते रहता है. क्योंकि सड़क किनारे नाली निर्माण के लिए जगह ही नहीं छोड़ा गया है. सड़क पर 24 घंटे पानी का बहाव होने से सड़क पर जगह-जगह पर कीचड़ और पानी के जमा रहता है. सड़क से गुजरने के दौरान राहगीरों पर गंदे पानी का छींटा पड़ने से वाहन चालकों के साथ हमेशा तू-तू मैं-मैं होते रहता है.
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