जीवन जीने की कला सिखाता है मानस

मेदिनीनगर : सदर प्रखंड के जोड़ गांव स्थित अमानत नदी के तट पर शिव मंदिर परिसर श्रीरामचरित मानस नवाह्न परायण महायज्ञ चल रहा है. महाशिवरात्रि पर आयोजित इस महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. सुबह में यज्ञ स्थल की परिक्रमा करने, मंदिर में पूजा अर्चना करने के अलावा शाम में प्रवचन सुनने के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2020 11:46 PM

मेदिनीनगर : सदर प्रखंड के जोड़ गांव स्थित अमानत नदी के तट पर शिव मंदिर परिसर श्रीरामचरित मानस नवाह्न परायण महायज्ञ चल रहा है. महाशिवरात्रि पर आयोजित इस महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. सुबह में यज्ञ स्थल की परिक्रमा करने, मंदिर में पूजा अर्चना करने के अलावा शाम में प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालु काफी संख्या में पहुंच रहे हैं.

सुबह में पाठकर्ता व्यास दीपक पांडेय के नेतृत्व में मानस पाठ चल रहा है. वहीं शाम में अयोध्या धाम से पधारी गौरांगी गौरी का सारगर्भित प्रवचन हो रहा है. मंगलवार की शाम में प्रवचन के दौरान मानस कोकिला गौरांगी गौरी ने श्रीरामचरित मानस के संदेशों को आत्मसात करने पर जोर दिया. कहा कि मानस ऐसा सदग्रंथ है, जो जीवन जीने की कला सिखाता है.

मानस के आधार पर चलने से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है. भगवान श्रीराम ने मानस के माध्यम से समाज के लोगों को जो संदेश दिया है, उसे अपने हृदय में आत्मसात करने की जरूरत है. बेहतर समाज के निर्माण के लिए प्रभु श्रीराम के संदेश कारगर साबित होंगे.

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