टैंकर के पानी से बुझती है 2000 लोगों की प्यास

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर के राहतनगर के लोगों को जल संकट से आखिर राहत कब मिलेगी. राहतनगर मेदिनीनगर नगर निगम के वार्ड संख्या- 26 की परिधि में आता है. इस इलाके में सप्लाई का पानी नहीं जाता. जब राहत नगर के लोगों को सप्लाई का पानी लेना होता है, तो वे लोग कुंड मुहल्ला में पीपल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 12, 2019 1:32 AM

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर के राहतनगर के लोगों को जल संकट से आखिर राहत कब मिलेगी. राहतनगर मेदिनीनगर नगर निगम के वार्ड संख्या- 26 की परिधि में आता है. इस इलाके में सप्लाई का पानी नहीं जाता. जब राहत नगर के लोगों को सप्लाई का पानी लेना होता है, तो वे लोग कुंड मुहल्ला में पीपल के पास आते हैं. वह भी समय पर पहुंचने से ही पानी मिलता है. अन्यथा निराश होकर वापस लौटना पड़ता है.

मेदिनीनगर इलाके में जो क्षेत्र सर्वाधिक जल संकट से ग्रस्त इलाका है, उसमें राहतनगर व झोपड़पट्टी भी शामिल है. जब मेदिनीनगर निगम के रूप में प्रमोट नहीं हुआ था, तब भी इस इलाके के लोग इसी तरह समस्या झेल रहे थे.
निगम बने भी लगभग एक साल पूरा हो गया. फिर भी राहतनगर व झोपड़पट्टी के लोगों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया. पानी के लिए वही परेशानी आज भी कायम है. जो नगरपालिका नगर पर्षद के जमाने में था. जब परिषद से प्रमोट होकर मेदिनीनगर को नगर निगम का दर्जा मिला, तो लोगों को उम्मीद थी कि सरकार इस शहर पर विशेष तौर पर फोकस करेगी.
शहर के विकास के लिए राशि आवंटन की चर्चा होती है. जब कभी राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह अपने गृह जिला पलामू आते हैं, तो मेदिनीनगर के जल संकट की चर्चा करने नहीं भूलते. साथ ही समाधान के दिशा में फेज टू की योजना को स्वीकृति दिलाने को वह अपनी उपलब्धि वाले खाते में दर्ज कर चले जाते हैं. लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि फेज टू की योजना 14 वर्षों से लंबित है.
प्रभु श्री राम का वनवास 14 वर्षों में समाप्त हो गया था. लेकिन शहर के फेज टू की योजना पर लगा ग्रहण रूपी वनवास कब खत्म होगा, यह एक बड़ा सवाल बन चुका है. इसे लेकर पक्ष, विपक्ष पर मामला लटकाने का आरोप लगाता है और विपक्ष के निशाने पर सत्ता पक्ष. लेकिन हकीकत यह है कि अभी जो पक्ष है या विपक्ष दोनों सत्ता में रहे हैं. फिर भी समस्या अपनी जगह.
बहरहाल चर्चा राहतनगर व झोपड़पट्टी की पानी संकट की. यह इलाका वार्ड नंबर 26 के तहत आता है. आबादी लगभग 2000 से अधिक पानी के लिए पाइप लाइन भी नहीं बिछा है. सार्वजनिक स्थानों पर लगे चापानल जल स्तर नीचे चले जाने के कारण बेकार पड़े हैं. जिन लोगों ने अपने घरों में चापानल लगा रखा है, वह भी जल स्तर नीचे चले जाने के कारण परेशान है.
मेदिनीनगर नगर निगम ने प्रत्येक वार्ड में दो ट्रीप टैंकर से जलापूर्ति का नियम तय किया था. लेकिन इस वार्ड की वार्ड पार्षद नइमा बीबी ने इसका विरोध किया था. जिसके बाद शनिवार से चार ट्रिप टैंकर से जलापूर्ति की शुरुआत हुई है.

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