मौत पर घंटों रहा रोड जाम

पाटन : नावाजयपुर अखरा के रोहित कुमार की मौत संदेहास्पद स्थिति में हो गयी. रोहित कुमार 22 फरवरी को घायल हुआ था. उसके बाद उसका इलाज रिम्स में चल रहा था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. उसका शव बुधवार के शाम नावाजयपुर आया था. परिजन शव के साथ नावाजयपुर थाना के पास […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 1, 2019 12:51 AM

पाटन : नावाजयपुर अखरा के रोहित कुमार की मौत संदेहास्पद स्थिति में हो गयी. रोहित कुमार 22 फरवरी को घायल हुआ था. उसके बाद उसका इलाज रिम्स में चल रहा था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. उसका शव बुधवार के शाम नावाजयपुर आया था. परिजन शव के साथ नावाजयपुर थाना के पास दोषी पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर धरना पर बैठे हुए थे.

गुरुवार की सुबह से ही इस घटना से आक्रोशित परिजन व ग्रामीणों ने पाटन- पदमा मुख्य पथ को जाम कर दिया. जाम की सूचना मिलने पर पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जैश रंजन पाठक उर्फ बिट्टु, जिप सदस्य नंदकुमार राम, युगल किशोर चंद्रवंशी, युवा राजद के जिलाध्यक्ष नरेश कुमार भारती सहित कई लोग पहुंचे. ग्रामीणों का आरोप था कि रोहित अपनी मां के लिए दवा लेने जा रहा था. इसी दौरान नावाजयपुर पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी.

इसी क्रम में पुलिस द्वारा रोहित की पिटाई कर दी गयी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. जबकि पुलिस का कहना था कि रोहित तेज गति के कारण मोटरसाइकिल से गिर गया था, जिसमें वह घायल हो गया था. 22 फरवरी को भी ग्रामीणों ने दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर मुख्य पथजाम किया था.

इस मामले में वाहन चेकिंग में मौजूद अवर निरीक्षक शमशेर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है. हालांकि घटना के दिन पुलिस ने जो जांच रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें कहा गया था कि रोहित मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल हुआ है.जब घायल रोहित की मौत हो गयी, तो इसके बाद ग्रामीणों ने गुरुवार को पुन: शव के साथ मुख्य पथ को जाम कर दिया. लगभग 12:45 बजे सीओ विमल सोरेने के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया.

सीओ श्री सोरेन ने रापला के तहत 25 हजार, मृतक के भाई राहुल को पीडीएस की दुकान देने के लिए अनुशंसा करने व परिजन के एक सदस्य को आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका में बहाल करने के लिए अनुशंसा करने का आश्वासन दिया गया. जिसके बाद जाम हटाया गया. पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई काफी नींदनीय है.

जब रक्षक ही भक्षक हो जायेंगे तो आखिर व्यवस्था कैसे चलेगा. उन्होंने इस मामले में एसडीओ से डीसी को दस लाख मुआवजा के लिए पत्र लिखने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकारी प्रावधान के अनुसार पुलिस के पिटाई से मौत होने पर दस लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है. इसके तहत रोहित के परिजन को मुआवजा दिया जाये.

इधर लेस्लीगंज अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनूप कुमार बड़ाई ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पायेगा कि रोहित की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है या बाइक से गिरने से. इस मौके पर पुलिस निरीक्षक संजीव कुमार तिवारी, पाटन थाना प्रभारी नूतन मोदी, नावाजयपुर थाना प्रभारी संतोष कुमार, तरहसी थाना प्रभारी संजय नायक, झाविमो नेता प्रभात भुइयां, तपेश्वर प्रसाद, सुधीर चंद्रवंशी, ईश्वरी सिंह, अविनाश गुप्ता,राकेश रौशन सहित कई लोग मौजूद थे.

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