दीपावली में इलेक्ट्रिक चाक की रफ्तार से कुम्हार खुश, मांग में इजाफा होने से बढ़ी आमदनी की उम्मीद
महेशपुर में कुम्हारों ने ''चाक'' पर दी रफ्तार, मिट्टी के दीये से लाएंगे खुशहाली की दीवाली. माटी कला केंद्र करीब 200 कुम्हारों के बीच इलेक्ट्रिक चाक का वितरण किया है.
महेशपुर. दीपावली नजदीक आते ही कुम्हारों के चाक घूमने लगे हैं. लेकिन इस बार पारम्परिक चाक की जगह इलेक्ट्रिक चाक कुम्हारों की पसंद बन गयी है. कुम्हारों ने बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक चाक का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के दीये और अन्य मिट्टी के बर्तन बना रहे हैं. जिले के कुम्हारों को बड़ी संख्या में माटी कला केंद्र की ओर से इलेक्ट्रिक चाक का वितरण किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार पिछले 4 सालों में करीब 200 कुम्हारों के बीच इलेक्ट्रिक चाक का वितरण किया गया है. साल 2024-25 में 42 कुम्हारों के बीच इलेक्ट्रिक चाक का वितरण किया गया था. इसके लिए जिला उद्योग केंद्र कुम्हारों से 10 प्रतिशत राशि लेती है और 90 प्रतिशत माटी कला केंद्र राशि देती है. इस तरह करीब 2100 से 2200 रुपए कुम्हारों से लिया जाता है और उन्हें करीब 20-22 हजार रुपए का इलेक्ट्रिक चाक दिया जाता है.
निजी पैसे से भी कुम्हार खरीद रहे हैं इलेक्ट्रिक चाक :
बाजार में बढ़ती मांग और इलेक्ट्रिक चाक से लागत और समय में होने वाली बचत को देखते हुए कुम्हार इलेक्ट्रिक चाक के महत्व को समझ रहे हैं. इसीलिए जो कुम्हार सरकार से चाक नहीं पा रहे हैं, वो अपने निजी पैसे से इलेक्ट्रिक चाक खरीद रहे हैं ताकि समय और मिट्टी के बर्तन की लागत को कम किया जा सके. बताते चलें कि दीपावली आगामी 20 अक्तूबर को मनायी जाएगी. इस अवसर पर दीपों से अपने घर-आंगन को रंगाई-पोताई कर सजाने की तैयारी लोगों ने शुरू कर दी है. बदलते ट्रेंड के साथ लोग डिजाइनर दीये भी खूब पसंद करने लगे हैं. वहीं चाइनीज दीयों से मोहभंग के चलते मिट्टी के दीयों की मांग इस साल कुछ बढ़ी है. वहीं कुम्हार राजू पाल, आनंदो पाल, निशा पाल, फुलटूसी पाल, सुभाष पाल, गणेश पाल, आशीष पाल, सुस्मिता पाल, दिनेश पाल, साधीन पाल, निताय पाल, दुलाल पाल सहित अन्य ने बताया कि सरकार से इलेक्ट्रिक चाक नहीं मिल पाया है. ऐसे में घर की महिलाओं के नाम से ग्रुप लोन लेकर अपने पैसे से इलेक्ट्रिक चाक खरीदकर अपना काम कर रहे हैं. दीपावली को लेकर पूरा परिवार दिन-रात मिट्टी के सामान बना रहे हैं और उसे पका कर रंग-रोगन कर तैयार कर रहे हैं.कुम्हारों को अच्छी आय की उम्मीद :
दीपावली पर धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी के दीपक बनाने वाले कुम्हारों के चाक ने रफ्तार पकड़ ली है. उन्हें इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद है. परिवार के सदस्यों में से कोई मिट्टी गूंथने में लगा है तो किसी के हाथ चाक पर मिट्टी के दीपक व बर्तनों को आकार दे रहे हैं.चाक से बनती है कई चीजें :
अब इलेक्ट्रिक चाक होने से काम तेजी से होता है. पहले हाथ का चाक होता था लेकिन अब चाक से फटाफट दीपक व अन्य सामान तैयार किया जाता है. बिजली न आने की स्थिति में हाथ का चाक भी तैयार रखा जाता है ताकि काम प्रभावित न हो. इस पर दीपक, घड़ा, करवा, गमला, गुल्लक, गगरी, मटकी समेत अन्य उपकरण भी बनाए जाते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
