दीदी कैफे से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ीं मधुनीता देवी

मधुनीता देवी, जो पाकुड़ प्रखंड की निवासी हैं, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के महिला समूह से जुड़कर दीदी कैफे की शुरुआत की। 50 हजार रुपये के ऋण और जिला प्रशासन द्वारा निशुल्क स्थान मिलने से उनका उद्यम सफल हुआ। दीदी कैफे में चाय, नाश्ता, भोजन और महिला उत्पादों की बिक्री होती है, जिससे मधुनीता की मासिक आय 40-50 हजार रुपये तक पहुंच गई। हाल ही में संथाल परगना खेलकूद प्रतियोगिता में दीदी किचन ने 87,850 रुपये की बिक्री की। जिला प्रशासन प्रोजेक्ट बदलाव के तहत और दीदी किचन खोलने की योजना बना रहा है, जिसमें महिलाओं को प्रशिक्षण और ऋण प्रदान किए जाएंगे। इससे महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।

By SANU KUMAR DUTTA | September 15, 2025 6:13 PM

नगर प्रतिनिधि, पाकुड़. पाकुड़ प्रखंड की रहने वाली मधुनीता देवी की जिंदगी अब पूरी तरह से बदल चुकी है. कभी घर की चारदीवारी तक सीमित रहने वाली मधुनीता आज आत्मनिर्भर महिला के रूप में सामने आई हैं. यह बदलाव तब आया जब उन्होंने झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के महिला समूह से जुड़कर समाहरणालय परिसर में दीदी कैफे की शुरुआत की. महिला समूह से 50 हजार रुपये का ऋण लेकर उन्होंने इस पहल की शुरुआत की. जिला प्रशासन ने उन्हें समाहरणालय परिसर में निशुल्क जगह उपलब्ध कराई, जिससे उन्हें पूंजी और स्थान की चिंता नहीं करनी पड़ी. इस कैफे में वह चाय, नाश्ता और भोजन तैयार करती हैं, साथ ही जेएसएलपीएस की अन्य महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री भी करती हैं. समाहरणालय आने-जाने वाले लोगों को यहां स्वादिष्ट और पौष्टिक आहार मिलता है. मधुनीता देवी ने बताया कि उपायुक्त के विशेष प्रयासों से कैफे को बड़ी सफलता मिली. उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे मीटिंग और कार्यशालाओं के लिए दीदी कैफे से ही भोजन और नाश्ता लें. इससे उनकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और अब हर महीने 40 से 50 हजार रुपये की कमाई हो रही है. हाल ही में पुलिस लाइन पाकुड़ में आयोजित चार दिवसीय संथाल परगना खेलकूद प्रतियोगिता में जेएसएलपीएस द्वारा दीदी किचन और पलाश मार्ट का स्टॉल लगाया गया. दीदी किचन में प्रतिभागियों, पुलिसकर्मियों और आगंतुकों के लिए स्वच्छ और स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई. इस दौरान दीदी किचन की कुल बिक्री 87 हजार 850 रुपये और पलाश मार्ट की 17 हजार 245 रुपये रही. प्रतिभागियों और आगंतुकों ने स्थानीय उत्पादों की सराहना करते हुए महिला उद्यमिता को समर्थन दिया. जिला प्रशासन की ओर से प्रोजेक्ट बदलाव के तहत जिले में और अधिक दीदी किचन खोलने की योजना है. इसके लिए सखी मंडल से जुड़ी महिलाओं को प्रखंड मुख्यालय, चौक-चौराहों और हाट-बाजारों में दीदी किचन खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. आरसेटी द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण और जेएसएलपीएस व बैंक के सहयोग से ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा. इस पहल से बड़ी संख्या में महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और स्थानीय स्तर पर आर्थिक सुदृढ़ीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

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