आवासीय विद्यालय का नहीं है खुद का भवन

प्रखंड मुख्यालय स्थित आदर्श मध्य विद्यालय परिसर में संचालित झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय का अब तक अपना भवन नहीं बन पाया है.

By Prabhat Khabar | April 23, 2024 6:09 PM

, मवि के पांच कमरों में रहती हैं 215 छात्राएं फोटो : 23 चांद 2 : निर्माणाधिन विद्वालय भवन. अरशद आजमी . चार वर्ष पूर्व ही शुरू हुआ था विद्यालय भवन का निर्माण कार्य, अब तक पिलर ही बन सका बारियातू . प्रखंड मुख्यालय स्थित आदर्श मध्य विद्यालय परिसर में संचालित झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय का अब तक अपना भवन नहीं बन पाया है. भवन के अभाव में यहां अध्ययनरत छात्राओं को पठन-पाठन व आवासीय कार्य में भारी परेशानी हो रही है. ज्ञात हो कि आमवि परिसर में झाआबावि को आवासीय कार्य के लिए महज पांच कमरे मिले हैं. इन पांच कमरों में कुल 215 बच्चियां रहती है. सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि पांच कमरों में इतनी बच्चियां कैसे रह पाती होंगी. अपना भवन नहीं होने के कारण एक कमरे में पशु के समान 45-50 बच्चियों को रखना विद्यालय प्रबंधन की मजबूरी है. कमरों की कमी के कारण एक बेड में दो-तीन छात्राएं को सोना पड़ता है. फिलहाल गर्मी के दिनों में काफी परेशानी हो रही है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. चार साल से बन रहा भवन शिक्षा विभाग की पहल पर लाखों रुपये की लागत से साल्वे पंचायत अंतर्गत बरछिया गांव स्थित जबरा रोड किनारे झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय के भवन का निर्माण कार्य जारी है. निर्माण कार्य शुरू हुए चार वर्ष से अधिक समय गुजर गया है. संवेदक व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण यहां महज पिलर ही खड़ा हो पाया है. धीमा निर्माण कार्य के बाद भी संवेदक पर विभाग व जिले के अधिकारियों ने सुधि नहीं ली है. बच्चियों के अभिभावकों ने उपायुक्त गरिमा सिंह व विभाग के अधिकारियों से इस दिशा में पहल करने व संवेदक पर कार्रवाई कर विद्यालय भवन को जल्द से जल्द पूर्ण कराने की मांग की है. क्या कहती है बीइइओ व वार्डन मुखिया राजीव भगत ने कहा कि उक्त विद्यालय को 12वीं तक की पढ़ाई की मंजूरी मिल गयी है. अपना भवन नहीं रहने के कारण मैट्रिक पास छात्राओं को परेशानी हो रही है. संवेदक को ब्लैक लिस्ट में डालकर कार्रवाई करनी चाहिये. वार्डन कविता कुमारी ने कहा कि विद्यालय में कक्षा छह से दसवीं तक की पढ़ाई होती है. कुल 215 छात्राएं नामांकित है. खुद का भवन नहीं रहने के कारण काफी परेशानी होती है. पठन-पाठन व आवासीय कार्य प्रभावित होता है. बीइइओ नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि यह संवेदक की लापरवाही है. अविलंब जांच कर रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी जायेगी. संवेदक अभिजीत पात्रा को मोबाइल नंबर 7070131390 पर कॉल कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

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