खजूर पर्व पर लातेहार के गिरजाघरों में निकली शोभायात्रा, ईसाई धर्मावलंबियों का चालीसा पुण्य सप्ताह शुरू

jharkhand news: लातेहार जिला में ईसाई धर्मावलंबियों ने विभिन्न गिरिजाघरों मेें खजूर पर्व मनाया. इस मौके पर चर्च परिसर में ही शोभायात्रा निकाली गयी. इसके साथ ही चालीसा पुण्य सप्ताह भी शुरू हो गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2022 10:10 PM

Jharkhand news: लातेहार जिला के प्रखंड महुआडांड़ मे खजूर पर्व बड़े गिरजाघर महुआडांड़, पकरीपाठ, चेतमा, गोठगांव, साले, तुन्दटोली एवं चिरोपाठ गिरजाघर में मनाया गया. इस अवसर पर सभी गिरजाघरों में पवित्र मिस्सा पूजा किया गया. सभी चर्च परिसर में ही शोभायात्रा निकाली गयी. इसी के साथ ईसाई धर्मावलंबियों का चालीसा पुण्य सप्ताह प्रखंड में शुरू हो गया.

खजूर पर्व के साथ पवित्र सप्ताह शुरू

महुआडांड़ के बड़े गिरजाघर में खजूर पर्व के अवसर पर रविवार सुबह मुख्य अनुष्ठानकर्ता फादर साईमन मुर्मू द्वारा पवित्र मिस्सा पूजा कराया गया. उन्होंने बताया कि खजूर इतवार के साथ हम प्रभु के दु:ख भोग, मरण और पुनरूत्थान के सप्ताह में प्रवेश कर रहे हैं. आज का पर्व हमें उसी जुलूस की याद दिलाता है जो दो हजार वर्ष पूर्व येरूसालेम में निकाला गया था. हाथों में खजूर डालियां को लेकर जुलूस में भाग लेने का मतलब यह है कि हम येसु को अपने हदय में एवं जीवन में स्वागत करते हैं. आज से हम पवित्र सप्ताह आरंभ कर रहे हैं. इस दौरान येशु को हम अपने मिशन की पराकाष्ठा तक पहुंचते हुए पायेंगे. उनके जीवन,वचन और शिक्षाओं के गहरे या गुड़ अर्थ को हर खुली घटना प्रत्यक्ष करेगी.

चर्च परिसर में निकाली गयी शोभायात्रा

मिस्सा पूजा शुरू होने से पहले बड़े गिरजाघर के परिसर में खजूर की डालियों के साथ सभी विश्वासियों ने चर्च परिसर में ही शोभायात्रा निकाली. जहां सभी ईसाई धर्मावलंबी के द्वारा प्रार्थना करते वापस वेदी के पास आकर शोभा यात्रा प्रार्थना सभा में बदल गई. वहीं भक्ति गाना का संचालन युवा वर्ग ने किया.

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प्रभु येशु के बताएं संदेश को आत्मसात करने पर जोर

इस मौके पर बड़े फादर सुरेश ने कहा कि इस पुण्य सप्ताह के दौरान येशु हमारी मानवीय स्थिति, हमारे जीवन के सब दु:ख दर्द कार्य चिंता, वेदना, आंशका इत्यादि की चर्चा करेंगे. वह अपने साथ हमें चलने के लिए आमंत्रित करते हैं, ताकि हम उनकी आत्मरित्तता मनोवृत्ति का अनुकरण कर सकें. ये हमारे जीवन की पीड़ा तथा दुर्दशा के निदान के लिए एक आह्वान नहीं है, बल्कि जीवन की सच्ची स्वतंत्रता, शांति तथा प्रसन्नता के लिए एक आह्वान है. मिस्सा पूजा में फादर रोशन, जोन तिर्की, बरथोलोमी, दिलीप, सहित हेड प्रचार आनंद के साथ सिस्टर स्वाति एवं ईसाई धर्मावलंबी लोग उपस्थित थे.

Posted By: Samir Ranjan.

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