प्रभात खबर की खबर का असर: झुका वन विभाग, अब दलमा शिव मंदिर के लिए नहीं लगेगी एंट्री फीस

Dalma Shiv Mandir Entry Fees: प्रभात खबर की खबर का असर हुआ है. विरोध के बाद वन विभाग झुका. अब दलमा शिव मंदिर के लिए एंट्री फीस नहीं लगेगी. सावन माह में दलमा स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है. अब किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लगेगा. प्रभात खबर ने मंगलवार के अंक में इस मुद्दे पर खबर प्रकाशित की थी.

By Guru Swarup Mishra | July 15, 2025 10:30 PM

Dalma Shiv Mandir Entry Fees: जमशेदपुर-सावन माह में दलमा स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर है. अब किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लगेगा. प्रभात खबर ने मंगलवार के अंक में इस मुद्दे पर खबर प्रकाशित की थी. खबर प्रकाशित होने के बाद मंगलवार को दिन भर वन विभाग के इस आदेश का शहर भर में विरोध हुआ. बढ़ते दबाव और जन आक्रोश को देखते हुए अंततः वन विभाग को झुकना पड़ा और शुल्क संबंधी आदेश को रद्द कर दिया गया.

वरीय अधिकारियों ने किया हस्तक्षेप, डीएफओ ने लिया फैसला वापस


विभाग के वरीय अधिकारियों के निर्देश पर डीएफओ इस आदेश को वापस लिया. वन विभाग के रेंजर दिनेश चंद्रा ने कहा कि सावन माह में दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में पैदल, दोपहिया, तीनपहिया और चारपहिया वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा. यह निर्णय केवल सावन माह के लिए मान्य रहेगा.

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क्या था निर्णय?


पूर्व में जारी रेट चार्ट के अनुसार, पैदल श्रद्धालुओं से 5 रुपये, दोपहिया से 50 रुपये, तीनपहिया से 100 रुपये और चारपहिया से 150 रुपये शुल्क तय किया गया था. जैसे ही यह आदेश सामने आया, स्थानीय ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों और हिंदूवादी संगठनों ने इसका तीव्र विरोध किया.

पक्ष-विपक्ष सभी ने इस फैसले का किया था विरोध


वन विभाग के इस फैसले का सत्ता व विपक्ष दोनों के नेताओं ने विरोध किया. जुगसलाई के झामुमो विधायक मंगल कालिंदी, झामुमो नेता कुणाल षाड़ंगी ने इस फैसले को वापस लेने की मांग विभाग से की. वहीं भाजपा ने भी इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया, आदेश वापस नहीं लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी. सहित कई जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने विभागीय आदेश को आस्था पर हमला बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की.

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