जमशेदपुर : रफ और ड्रंक ड्राइव की नहीं होती ठीक से जांच

जमशेदपुर : शहर में हर दिन सड़क दुर्घटना में कोई न कोई घायल हो रहा है या फिर जान गंवा रहे है. इसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस का ध्यान वाहनों की जांच और नो-पार्किंग तक ही सीमित है. ट्रैफिक पुलिस न तो रफ ड्राइविंग पर रोक लगा पा रही है और न ही यातायात नियमों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2019 6:45 AM
जमशेदपुर : शहर में हर दिन सड़क दुर्घटना में कोई न कोई घायल हो रहा है या फिर जान गंवा रहे है. इसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस का ध्यान वाहनों की जांच और नो-पार्किंग तक ही सीमित है. ट्रैफिक पुलिस न तो रफ ड्राइविंग पर रोक लगा पा रही है और न ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक्शन लेती है.
लगातार हो रही सड़क दुर्घटना से अब यह सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या हेलमेट जांच व वाहनों के कागजातों की जांच से हादसे रुक जायेंगे. स्थानीय लोगों की मानें, तो यह सही है कि अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट लगाना जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही जिले में बढ़ते हादसों पर ब्रेक लगाना भी जरूरी है.
आमतौर पर जमशेदपुर ट्रैफिक पुलिस हर रोज हेलमेट और सीट बेल्ट की जांच में जुटी रहती है, लेकिन सड़कों पर रफ ड्राइविंग और नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है, जिसके कारण सड़क दुर्घटना में मरने वालों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है.
यातायात पुलिस के पास नहीं हैं स्पीडोमीटर
जमशेदपुर यातायात पुलिस के पास अभी तक स्पीडोमीटर नहीं है, जिसके कारण पुलिस तेज रफ्तार वाहनों की जांच नहीं कर पाती है. यातायात पुलिस की मानें, तो स्पीडोमीटर उपलब्ध कराने के लिए कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन कोई भी व्यवस्था लागू नहीं किया गया.
केवल पर्व-त्योहारों पर ही होती है चेकिंग
रफ ड्राइविंग, ड्रंक एंड ड्राइव, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने वालों की जांच आमतौर पर नहीं होती है. लेकिन जब कोई पर्व या त्योहार आता है, तो यातायात पुलिस सड़क पर माउथ एनालाइजर लेकर उतर जाती है.
इस दौरान पुलिस रफ ड्राइविंग करने वालों सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ देती है, जिसका असर रफ ड्राइविंग करने वालों पर नहीं पड़ता है और वे फिर उसी तरह से वाहन चलाते हैं. इससे सड़क दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

Next Article

Exit mobile version