गम्हरिया : बाउड़ी के साथ आज होगा टुसू पर्व का आगाज

गम्हरिया : ग्रामीण क्षेत्रों में सात दिनों तक मनाये जाने वाले झारखंड का महापर्व टुसू सोमवार को बाउड़ी की प्रथा के साथ शुरू होगा. बाउड़ी के दिन महिलाएं गुड़ पीठा समेत विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाये जायेंगे. वहीं मंगलवार को मकर संक्रांति को मकर स्नान कर तील व पीठा खाकर टुसू पर्व मनाया जायेगा. हालांकि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2019 6:33 AM
गम्हरिया : ग्रामीण क्षेत्रों में सात दिनों तक मनाये जाने वाले झारखंड का महापर्व टुसू सोमवार को बाउड़ी की प्रथा के साथ शुरू होगा. बाउड़ी के दिन महिलाएं गुड़ पीठा समेत विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाये जायेंगे.
वहीं मंगलवार को मकर संक्रांति को मकर स्नान कर तील व पीठा खाकर टुसू पर्व मनाया जायेगा. हालांकि इस वर्ष उपयुक्त मात्रा में कृषि नहीं होने की वजह से गांवों में टुसू पर्व को लेकर उत्साह कम दिख रहा है.
कई जगहों पर लगेगा टुसू मेला. टुसू पर्व के अवसर पर कई जगहों में टुसू मेला का आयोजन होगा.
15 जनवरी को गंजिया गांव स्थित दोमुहानी नदी व नवागढ़ नदी घाट में मेला का आयोजन होगा. 16 जनवरी को आस्था का प्रतीक घोड़ा बाबा मंदिर व सीतारामपुर डैम तट पर मेला लगेगा.
17 जनवरी को रायबासा गांव में राजा के शासन से चले आ रहे खेड़ा उड़ा पर्व व उज्जवलपुर में टुसू मेला का आयोजन होगा. 18 जनवरी को बासुड़दा गांव में पीठा छांका मेला का आयोजन किया जायेगा.
होटल रहेंगे बंद, संस्थानों में सन्नाटा. टुसू पर्व ग्रामीण पूरी उत्साह के साथ मनाते हैं. इसको मनाने के लिए ग्रामीण सात दिनों तक अपने काम धंधे से दूर रहते हैं. इसे लेकर अधिकांश संस्थानों में सन्नाटा छाया रहता है. वहीं एक सप्ताह तक क्षेत्र के लगभग सभी होटल भी बंद हो जाते हैं.
आज भी कायम है ढेंकी का प्रचलन
गम्हरिया. भले ही बाजार में चावल पीसने के लिए तरह-तरह के यंत्र आ गये हों, लेकिन आज भी बाउड़ी के दिन ग्रामीण चावल पीसने के लिए ढेंकी का ही प्रयोग करते हैं. ग्रामीणों के अनुसार ग्रामीण ढेंकी से आसानी से चावल पीस लेते हैं.
इससे उनका अतिरिक्त समय व खर्च भी बच जाता है. साथ ही ढेंकी से पीसे हुए चावल से बनाये गये पीठा का स्वाद अलग ही होता है. गांवों में कुछ ही घरों में ढेंकी उपलब्ध होने की वजह से दिनभर लोगों की भीड़ लगी रहती है.

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