खलासी की गलती से बदल गया था बैग, पेश की मिसाल तीन लाख के जेवर से भरा बैग लौटाया

चाईबासा. टेल्को (जमशेदपुर) निवासी विकास चंद्र दास और उनकी पत्नी गीता दास ने इमानदारी की मिसाल पेश करते हुए धनबाद के दंपती को तीन लाख रुपये के जेवर से भरा बैग वापस लौटा दिया. सोमवार को चाईबासा में बस से उतरने के दौरान खलासी की गलती के दौरान दोनों दंपतियों के बैग एक दूसरे अदली-बदली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2017 10:48 AM

चाईबासा. टेल्को (जमशेदपुर) निवासी विकास चंद्र दास और उनकी पत्नी गीता दास ने इमानदारी की मिसाल पेश करते हुए धनबाद के दंपती को तीन लाख रुपये के जेवर से भरा बैग वापस लौटा दिया. सोमवार को चाईबासा में बस से उतरने के दौरान खलासी की गलती के दौरान दोनों दंपतियों के बैग एक दूसरे अदली-बदली हो गये थे.

घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार धनबाद निवासी राघवेंद्र कुमार अपनी शादी की पहली सालगिरह पर पत्नी स्वीटी को लेकर चाईबासा के नीमडीह स्थित ससुराल आ रहे थे. जमशेदपुर आने के बाद वह भवानी शंकर बस पकड़कर चाईबासा आ रहे थे. उसी बस में टेल्को जमशेदपुर निवासी विकास चंद्र दास व उनकी पत्नी गीता भी सफर कर रही थीं.

दोनों चाईबासा के सुभाष चौक टुंगरी में रहने वाले रिश्तेदार प्रभात चंद्र नंदा के घर में आयोजित शादी समारोह में भाग लेने पहुंचे थे. दोनों यात्रियों का बैग खलासी ने बस की डिक्की में रखा था. सोमवार की दोपहर डेढ़ बजे चाईबासा पहुंचने पर विकास अपनी पत्नी के साथ बस स्टैंड के बाहर उतर गये. उन्हें खलासी ने गलती से राघवेंद्र का बैग दे दिया. हड़बड़ी तथा दोनों बैग का रंग एक होने के कारण विकास बैग को लेकर चले गये. रात को बरात निकलने के पूर्व विकास ने जब बैग खोला तो तो पता चला कि वह उनका बैग नहीं है.

डीएसपी ने किया सम्मानित.
थाने में पुलिस की उपस्थिति में दोनों लोगों ने अपना-अपना बैग वापस लिया. इस दौरान उपस्थित डीएसपी प्रकाश सोय ने गुलदस्ता देकर विकास चंद्र दास की हौसला अफजाई की. उन्होंने कहा कि आज के समय में किसी का कुछ गुम हो जाये और उस चीज का सकुशल वापस मिल जाना बड़ी किस्मत की बात समझी जाती है.

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